– पूर्व प्राचार्य डॉ अरूण कुमार ने सेवानिवृत्त होने पर पदभार सौंपा
मोतिहारी / राजन द्विवेदी।
आज मुंशी सिंह महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो.(डॉ .)अरुण कुमार ने अपनी सेवानिवृति के बाद अपना पदभार स्नातकोत्तर हिंदी विभाग के अध्यक्ष प्रो.(डॉ.)मृगेंद्र कुमार को सौंप दिया।
बता दें कि डॉ.अरुण कुमार ने दिनांक 06 नवंबर 1996 को प्राध्यापक के रूप में अपना योगदान स्नातकोत्तर हिंदी विभाग में दिया था। दिनांक 01 मार्च 2021 को उन्होंने प्राचार्य के पद पर अपना योगदान किया था। इनके कार्यकाल में परीक्षाओं में अपेक्षित सुधार हुआ और प्रवेश का कार्य स्वच्छ ढंग से चला। कक्षाएं सुचारू रूप से चलीं और छात्र छात्राओं से निरंतर संवाद स्थापित होता रहा। बॉटनी विभाग में इंटीग्रेटेड लैबोरेट्री का निर्माण हुआ। सारे विभागों को अपग्रेड कर कारपोरेट लुक दिया गया।महाविद्यालय की सड़कें बनीं ।पेवर ब्लॉक लगाया गया। मुंशी सिंह विधि महाविद्यालय में मूट कोर्ट और स्मार्ट क्लास बनवाया गया। इसके पूर्व एन.सी.सी.पदाधिकारी के रूप में देश स्तर पर इनकी सेवाएं सराहनीय रही। इनके सैकड़ों कैडेट आर्मी, पैरा मिलिट्री फोर्स और पुलिस सेवाओं में नियुक्त हुए। सन 2005 – 2006 और 2012 में कैप्टन अरुण कुमार ने नई दिल्ली में आयोजित गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेते हुए कैडेटों को निर्देशन दिया। इन्हें दो दो बार बेहतरीन एन.सी.सी.पदाधिकारी के रूप में बिहार झारखंड एन.सी.सी.निदेशालय के सर्वोच्च पदाधिकारी द्वारा सम्मानित किया गया। इनके कार्यकाल में ही सांसद राधामोहन सिंह के सद्प्रयत्नों से महाविद्यालय के चारों ओर सड़क का निर्माण पावर ग्रिड ने कराया। पावर ग्रिड के द्वारा ही लगभग तीन करोड़ की लागत से बॉयज कॉमन रूम और वाचनालय का निर्माण कार्य जारी है। प्रोफेसर मृगेंद्र कुमार हिंदी भाषा के आधिकारिक विद्वान हैं। जहां अरुण कुमार की उच्च शिक्षा काशी हिंदू विश्वविद्यालय में संपन्न हुई वहीं प्रोफेसर मृगेंद्र कुमार की उच्च शिक्षा प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से संपन्न हुई है। मृगेंद्र कुमार एक समर्पित शिक्षक, प्रशासनिक दक्षता और कौशल से लबरेज व्यक्तित्व हैं।आज पदग्रहण के अवसर पर इन्हें दायित्व सौंपते हुए निवर्तमान प्राचार्य अरुण कुमार ने कहा कि अत्यंत स्गुयोग्य हाथों में महाविद्यालय की बागडोर सौंपते हुए मुझे अपार हर्ष और गौरव का अनुभव हो रहा है।प्रोफेसर मृगेंद्र कुमार ने पदग्रहण के उपरांत कहा कि अध्यापन सुचारू रूप से चले और प्रायोगिक कक्षाएं निर्बाध संपन्न कराना मेरी प्रथम प्राथमिकता होगी।महाविद्यालय का विकास करना भी मेरी प्राथमिकता होगी। इस अवसर पर प्रो. एमएनहक, प्रो.एकबाल हुसैन, डॉ.मयंक कपिला, डॉ अजय कुमार, प्रो.अमरजीत कुमार चौबे, लेफ्टिनेंट नरेंद्र सिंह, डॉ.अमित कुमार, डा.विदुषी दीक्षित, डा.गौरव भारती, दिलीप कुमार, प्रमोद कुमार, सुनील महाराज सहित भारी संख्या में शिक्षकों एवं कर्मचारियों की उपस्थिति रही। यह जानकारी डा. अरुण कुमार ने दी ।