चंपारण की खबर::31 लाख 75 हजार 456 बच्चों को खिलाई जाएगी एल्बेण्डाजोल दवा : डॉ श्रवण

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मोतिहारी / राजन द्विवेदी।

जिले के 31 लाख 75 हजार 456 बच्चों को एल्बेण्डाजोल दवा 04 सितंबर को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के तहत खिलाई जाएगी। इस सम्बन्ध में जिले प्रभारी सिविल सर्जन सह अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ श्रवण कुमार पासवान ने बताया की जिले के आंगनबाड़ी केन्द्र एवं सरकारी/ गैर सरकारी स्कूल के 01 से 19 वर्ष तक के बच्चों को अल्बेडाजोल की दवा निर्धारित उम्र के अनुसार खिलाइ जाएगी। इसको लेकर जिलापदाधिकारी के निर्देशन में स्वास्थ्य, शिक्षा, आईसीडीएस, जीविका व अन्य विभागों की बैठक आयोजित की गईं है। उन्होंने बताया की दवा से छूटे हुए बच्चों के लिए मॉप-अप दिवस का आयोजन 11 सितंबर 2024 को किया जाएगा, जिसके अंतर्गत पुनः 01 से 19 वर्ष तक के सभी बच्चों को आंगनबाड़ी केन्द्र पर अल्बेडाजोल की गोली का सेवन तलिकानुसार सेविका स्वयं खिलाना सुनिश्चित करेंगी। वहीं सभी को जिलास्तर पर निर्देश दिया गया है की किसी भी स्थिति में बच्चों / अभिभावक को अल्बेण्डाजोल की गोली घर ले जाने के लिए नहीं दिया जाएगा।
डीसीएम नन्दन झा ने कहा की पेट में कृमि होने बच्चों का शारीरिक, मानसिक विकास रुक जाता है। इसलिए वर्ष में दो बार कृमि की दवा खिलानी चाहिए।उन्होंने बताया की आशा, सेविका के सामने दवा खिलाइ जाएगी।दवा देने पर कुछ बच्चों एवं किशोर-किशोरियों में प्रतिकूल प्रभाव जैसे हल्का चक्कर, थोड़ी घबराहट या उल्टी हो सकती है। यह दो से चार घंटे में स्वतः ही समाप्त हो जाती है। यह पेट में कीड़े की मौजूदगी का सबूत है। दवा के सेवन न करने से पेट में होने वाले कीड़े या कृमि से बच्चों के शरीर में खुराक नहीं लगती और बच्चे शारीरिक व मानसिक रूप से कमजोर होने लगते हैं। बच्चे के कमजोर शरीर में विभिन्न प्रकार की बीमारियां होने लगती हैं। दवा देते समय आवश्यक रूप से यह सावधानी बरतें कि बच्चा खाली पेट न हो, अर्थात बच्चे ने दवा लेने से पूर्व कुछ न कुछ भोजन अवश्य किया हो। इस बात का ध्यान रहें की दवा खाली पेट न खाए बच्चों को कुछ खिलाकर ही दवा खिलाएं।