संग्रामपुर/ उमेश कुमार।
दुबे टोला मधुबनी निवासी समाजसेवी यमुना दुबे नहीं रहे। वे अपने पीछे चार पुत्रों सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं। बताया जाता है कि सहनशीलता और वाकपटुता के धनी 95 वर्षीय यमुना दुबे प्रखंड क्षेत्र के समाजिक कार्यों की गतिविधियों में अग्रणी भूमिका निभाते रहे। वृद्धावस्था आने की वजह से करीब पांच वर्षों से उनकी सामाजिक कार्य की गतिविधियां कम होता देख अपने ज्येष्ठ पुत्र सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक बिनोद दुबे को इसकी जिम्मेदारी सौंपी। अन्य पुत्रों में मोती कुमार दुबे, प्रमोद दुबे एवं प्रदीप दूबे भी अपने पिता के समाजिक कार्यों के सपने को साकार करने के लिए संकल्पित बता रहे हैं।