मोतीहारी / दिनेश कुमार।
सप्तम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश अवधेश कुमार ने एक बच्ची के साथ दुष्कर्म मामले में दोषी पाते हुए एक निजी शिक्षक को बीस वर्षों का सश्रम कारावास एवम पच्चीस हजार रुपए अर्थ दंड की सजा सुनाए। अर्थ दंड नहीं देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। सजा डुमरियाघाट थाना के नवीन गांधीनगर निवासी नागेंद्र पासवान के पुत्र प्रेम कुमार पासवान उर्फ रंजन पासवान को हुई। मामले में पीड़िता के पिता ने डुमरियाघाट थाना कांड संख्या 164/2018 दर्ज कराया था। जिसमें कहा था कि 29 सितंबर 2018 की संध्या चार बजे प्रत्येक दिन की भांति वह नामजद अभियुक्त के यहां पढ़ने को कोचिंग गई थी। वह शाम को रोती बिलखती घर आई तो उसके कपड़े खून से भींगा हुआ था। पूछताछ करने पर वह बताई कि उसके कोचिंग के शिक्षक ने उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया और जान मारने का प्रयास किया। वह जान बचाकर किसी तरह वहां से भाग कर आई। पुलिस ने अभियुक्त के विरूद्ध न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित कर दी। न्यायालय ने 17 सितंबर 2019 को अभियुक्तों के खिलाफ आरोप गठन किया। पॉक्सो वाद संख्या 07/2020 विचारण के दौरान विशेष लोक अभियोजक कुमार शिवशंकर सिंह ने ग्यारह गवाहों को न्यायालय में प्रस्तुत कर अभियोजन पक्ष रखा। वहीं बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता उपेंद्र सिंह एवम श्रीमती कृष्णा सिंह ने अपनी दलीलें रखी थी। न्यायाधीश ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद धारा 376 भादवि एवम 4 पॉक्सो एक्ट में दोषी पाते हुए उक्त सजा सुनाए।