चंपारण की खबर::नीरा देवी हत्याकांड का अब तक खुलासा नहीं, लोगों में असंतोष और रोष

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– बंद और वीरान घर जोह रहे न्याय की बाट

संग्रामपुर / उमेश कुमार।
संग्रामपुर थाना क्षेत्र के भटवलिया पंचायत के वार्ड-एक वीरता मठिया गांव के भोला बाबा मठ के समीप घर बना कर रह रही विधवा महिला नीरा देवी की गला काट कर पिछले 4 मई को हत्या कर दी गयी थी। लेकिन डेढ़ महीना बीतने के बाद भी उस हत्याकांड का खुलासा पुलिस नहीं कर पाई है। जिससे उसके परिजनों व ग्रामीणों में असंतोष दिख रहा हैं। ग्रामीणों ने बताया कि घटना के बाद पुलिस ने तत्काल जो तत्परता दिखाई थी वह बदलते मौसम की तरह नजर आ रहा हैं। पुलिस ने फोरेंसिक टीम बुला कर मामले के उद्द्भेदन के लिए साक्ष्य जुटाने की एक भी कसर नहीं छोड़ी लेकिन लगातार हो रही उद्द्भेदन में देरी से  स्वजनों व ग्रामीणों में असंतोष दिख रहा हैं। घटना के बाद पुलिस की सक्रियता देख लोगों को लगा कि शायद जल्द ही इस मामले का उद्भेदन हो जायेगा और दोषी कानून के गिरफ्त में होंगे। लेकिन लगभग डेढ़ महीना बीतने के बाद भी इस घटना के दोषी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। और मृतिका के परिजन पुलिस की ओर टकटकी निगाह लगा कर इंतजार रहे हैं कि उन्हें न्याय कब मिलेगा देखते देखते सौतेला बेटा स्वजनों का पेट कैसे भरे के लिए दूसरे प्रदेश में मजदूरी करने चला गया।   और  केवल मृतिका का बंद और वीरान घर न्याय की बाट जोह रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि घटना के बाद पुलिस ने इस मामले के उद्द्भेदन के लिए एक दो महिलाओं को संदेह के आधार पर पूछताछ के लिए जरूर उठाया लेकिन फिर भी नतीजा शून्य रहा। एक विधवा महिला की इस तरह हुई निर्मम हत्या के पीछे कौन कौन लोग शामिल हैं,आखिर उसकी इतनी निर्मम हत्या क्यों हुई,इस हत्या के पीछे कौन सी दुश्मनी हैं यह सवाल आज भी लोगो के जेहन में तैर रहा हैं की आखिर इस मामले के उद्द्भेदन में जुटी पुलिस एकाएक इतनी सुस्त क्यों हो गयी।जबकि एसडीपीओ रंजन कुमार के द्वारा संग्रामपुर थानाक्षेत्र में थानाध्यक्ष गौतम कुमार के समय जितने भी हत्याकांड हुए उसका त्वरित उद्भेदन करते हुए अपराधियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया जिसमें अभी कई जेल में बंद भी हैं। लेकिन विधवा 45 वर्षीय नीरा देवी की हुई निर्मम हत्याकांड में  हो रही देरी से लोगो के जेहन में कई सवाल दौड़ रहे हैं। कि आखिर इस हत्या के खुलासे में पुलिस इतनी सुस्ती क्यों दिखा रही हैं। मृतिका नीरा देवी के सौतले पतोहू सीमा देवी ने बताया कि हम लोग मजदूरी करके जीवन यापन करते हैं।रोज रोज थाना पर जाने वाला भी कोई नहीं हैं ताकि पुलिस सक्रिय रहे। स्वजनों ने बताया कि घटना की सूचना पर पहुचे एसडीपीओ रंजन कुमार ने आश्वस्त किया था कि बहुत जल्द संलिप्त बदमाश पुलिस पकड़ में होंगे लेकिन उसके बाद स्थानीय स्तर पर पुलिस कुछ भी नहीं कर पाई।पुलिस चाहती तो अब तक उसमें शामिल लोग उसके पकड़ में होते लेकिन आखिर मामले में पुलिस सुस्त क्यों हैं हम लोग स्वयं नहीं समझ पा रहे हैं। वहीं ग्रामीणों ने नाम नहीं प्रकाशित करने के शर्त पर बताया कि अभी तक इस गांव में इस तरह की कोई घटना नहीं घटी थी। आखिर इस घटना के पीछे कौन कौन लोग शामिल हैं इसका तो खुलासा होना ही चाहिए। इसका उद्द्भेदन नहीं होने का साफ मतलब दिख रहा कि जिसने भी इस घटना को अंजाम दिया उसका मनोबल बढ़ेगा और अपराध भी बढ़ेगा।
इस घटना के अनुसंधानकर्ता थानाध्यक्ष धीरज कुमार सिंह ने बताया कि अभी इस मामले में
कोई पकड़ा नहीं गया है। साक्ष्य को जुटाया जा रहा हैं।
इस संबंध में डीएसपी रंजन कुमार ने कहा कि घटना की जांच के दौरान कई अहम सुराग मिले हैं और हम मामले के उद्भेदन के काफी करीब पहुंच चुके हैं। जल्द ही दोषी कानून की गिरफ्त में होंगे।