भाकियू कार्यकर्ताओं ने सीएचसी पर जमकर हंगामा किया। दो घण्टे तक चले हंगामे के बाद मौके पर पहुंचे एसडीएम ने किसानों को समझा बूझकर मामला शांत कराया ।
रिपोर्ट वैभव गुप्ता।
हुआ यूँ कि बुधवार को गांव घसोती निवासी मोनू की पत्नी के सांस में घुटन होने पर वह अपनी पत्नी को उपचार के लिए सीएचसी रामपुर मनिहारान लेकर पहुंचा था। भाकियू अराजनैतिक के कार्यकर्ता मोनू के अनुसार सुबह के समय इमरजेंसी में कोई भी डॉक्टर मौजूद नही था। काफी देर बाद मरीज को देखने अस्पताल का केमिस्ट पहुंचा। जिसे देख भाकियू कार्यकर्ता ने डॉक्टर को बुलाने का आग्रह किया। आरोप है कि इस बात से केमिस्ट नाराज हो गया। और मोनू के साथ अभद्र व्यवहार करते हुए मरीज को कही और ले जाने व जो होता हो कर लेने की धमकी दे डाली। पत्नी की हालत बिगड़ती देख भाकियू कार्यकर्ता अपनी पत्नी को निजी चिकित्सक के यहां ले गया। मामले की सूचना भाकियू अराजनैतिक के प्रदेश उपाध्यक्ष चौधरी जगपाल सिंह को हुई तो वह अपनी टीम के साथ सीएचसी पहुंच गए।मामले की जानकारी मिलते ही भाकियू कार्यकर्ताओं का अस्पताल पर जमावड़ा लग गया। किसान चिकित्साधीक्षक डॉ अजित राठी के दफ्तर में पहुंचे तो वह फील्ड में गए हुए थे। फोन करने के बाद भी काफी देर तक चिकित्सक किसानों के बीच नही पहुंचे तो किसानों का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया। भाकियू कार्यकर्ता जमकर नारेबाजी करते हुए चिकित्सा अधीक्षक के दफ्तर में धरने पर बैठ गए। सीएमओ को मामले की सूचना दी गई। जिसके बाद चिकित्सा प्रभारी किसानों के बीच पहुंचे। किसानों ने स्टाफ के रवैये में सुधार लाने व प्रसव के दौरान भी लापरवाही बरतने का स्टाफ पर आरोप लगाया। किसानों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि अस्पताल की व्यवस्था व स्टाफ द्वारा मरीजों के प्रति किए जा रहे व्यवहार में सुधार नही किया गया तो अस्पताल पर तालाबंदी कर आंदोलन को किसान बाध्य होंगे।सूचना पर एसडीएम सुरेन्द्र कुमार मौके पर पहुंचे और गुस्साए किसानों को समझा बुझाकर शांत कराया। तब कही जाकर स्टाफ द्वारा माफी मांगने पर दो घण्टे के बाद मामला शांत हुआ। इस दौरान सतीश पंवार, सतपाल, विपिन, महिपालसिंह,रवि कुमार, राजकुमार, जगदीश, पप्पू ,मोनू पंवार, नेत्रपाल, ओमपाल सिंह, विशाल चौहान, शुभम, हरबीर सिंह, विकास पंवार, पदम् सिंह, उमरा आदि दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद रहे।