ब्यूरो चीफ सहारनपुर।
सहारनपुर। डा. अजय कुमार ने मल्हीपुर रोड स्थित 38 एमएलडी के यमुना एक्शन प्लांट (एसटीपी) का औचक निरीक्षण किया। जलनिगम द्वारा संचालित प्लांट न केवल आधा चलता मिला बल्कि चारों ओर अव्यवस्था एवं साफ-सफाई का अभाव दिखायी दिया। महापौर यह देखकर हैरान रह गए कि कुछ कर्मचारी वहां पशुपालन कर रहे हैं। महापौर ने एसटीपी से डिस्चार्ज पानी का नमूना लेकर भी जांच के लिए भिजवाया। उन्होंने अव्यवस्थाओं पर आक्रोश व्यक्त करते हुए जलनिगम व सीवर का कार्य देखरही कार्यदायी संस्था के अधिकारियों को लताड़ा और पूरा ब्यौरा बनाकर देने के निर्देश दिए।
महापौर आज सुबह महाप्रबंधक जलकल बी के सिंह, अधिशासी अभियंता वी बी सिंह व सहायक अभियंता राजेंद्र प्रसाद को साथ लेकर औचक निरीक्षण के लिए मल्हीपुर रोड स्थित एसटीपी प्लांट पहुंचे। प्लांट का संचालन उप्र जलनिगम की नगरीय ईकाई द्वारा व सीवर कार्य जल निगम की देखरेख में कार्यदायी संस्था ‘वीएटेक ववाग, करती है। निरीक्षण के दौरान महापौर अजय कुमार ने पाया कि प्लांट में साफ सफाई व्यवस्था दुरुस्त नहीं है। बिल्डिंग मैटेरियल इधर उधर बिखरा पड़ा है, पशु विचरण कर रहे है। इतना ही नहीं कुछ कर्मचारी पशु पालन कर, व्यवसायिक लाभ उठा रहे हैं। ढमोला साइड की कुछ दीवार भी टूटी हुई है।
महापौर ने बताया कि आधा प्लांट बंद पड़ा है। क्लोरिनेशन के सम्बंध में भी वहां तैनात जल निगम के कर्मचारी कोई जानकारी नहीं दे पाये। उन्होंने बताया कि एसटीपी से ट्रीटमेंट के बाद जो पानी डिस्चार्ज हो रहा है, फौरी तौर पर वह भी जिस गुणवत्ता का होना चाहिए, उस गुणवत्ता का प्रतीत नहीं हुआ। महापौर ने बताया कि उन्होंने डिस्चार्ज पानी के नमूने लेकर जांच के लिए भिजवाये हैं ताकि उसमें बीओडी (बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड) की मात्रा का पता लगाया जा सके। उन्होंने बताया कि एनजीटी ने निर्माण, सिंचाई आदि कार्यो के लिए ट्रीटमेंट प्लांट से डिस्चार्ज पानी की बीओडी 0-30 निर्धारित की है, लेकिन एसटीपी से डिस्चार्ज पानी प्रथम दृष्टया देखने में इससे अधिक बीओडी का दिखाई दे रहा है। निरीक्षण के दौरान जल निगम व ‘वीएटेक ववाग,के अधिकारी भी मौजूद रहे। ववाग के अधिकारियों ने महापौर से ढमोले की दीवार ऊंची कराने की मांग की।