चंपारण की खबर::माता एवं पुत्र के हत्यारे को मिली आजीवन कारावास की सजा

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मोतिहारी / दिनेश कुमार।

द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राकेश कुमार तिवारी ने दोहरी हत्या कांड में दोषी पाते हुए नामजद एक अभियुक्त को आजीवन कारावास एवम दस हजार रुपए अर्थ दंड की सजा सुनाई। अर्थ दंड नहीं देने पर तीन माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। सजा जितना (घोड़ासहन) थाना के बिजबनी निवासी विनोद चौरसिया को हुई। मामले में अभियुक्त विनोद चौरसिया की पत्नी इंदू देवी ने पुत्र एवम् अपनी मां के हत्यारा अपने पति के विरुद्ध जीतना (घोड़ासहन) थाना कांड संख्या 147/2019 दर्ज कराई थी। जिसमें कही थी कि उसका पुत्र सोनू अखबार बेचकर अपने परिवार का भरण पोषण करता था। 30 अप्रैल 2019 की रात्रि करीब 9 बजे अपनी कमाई से एक पंखा खरीद कर घर लाया। पुत्र द्वारा पंखा खरीदे जाने से उसका पति काफी क्रोधित हो गया। क्रोध में ही वह चापाकल के हैंडिल से सोनू पर प्रहार कर दिया। बचाने गई सोनू की दादी अर्थात अभियुक्त की मां लीला देवी को भी वह चापाकल के हैंडिल से मारा। घटना स्थल पर ही दोनों की मौत हो गई। साक्ष्य को छुपाने के उद्देश्य से दोनों शव को जला दिया। सत्रवाद संख्या 94/2021 विचारण के दौरान अपर लोक अभियोजक प्रभाष त्रिपाठी ने अभियुक्त की पत्नी, ससुर, बगल के पड़ोसी सहित 8 गवाहों को न्यायालय में प्रस्तुत कर अभियोजन पक्ष रखा। अभियुक्त की ओर से पैनल अधिवक्ता ने अपनी दलीलें रखी थी। दोनों पक्षों के दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने धारा 302,201 भादवि में दोषी पाते हुए उक्त सजा सुनाए। वहीं सूचक को पीड़िता घोषित करते हुए पीड़ित प्रतिकर अधीनियम के तहत कंपनसेशन (मुआवजा) के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार में आवेदन करने का सुझाव दिए ।