नहीं रहे टेकारी राज स्कूल के पूर्व प्रधानाचार्य अर्जुन बाबू।
जहानाबाद (बिहार) से ब्यूरो चीफ मनोहर सिंह का रिपोर्ट।
जहानाबाद –जिले के हुलासगंज प्रखंड क्षेत्र के लाट गांव निवासी प्रख्यात रंगमंच के कलाकार, शिक्षाविद् और उत्कृष्ट प्रशासक के रूप में पहचान रखने वाले अर्जुन सिन्हा के निधन की खबर से पुरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई है।नवम्बर 1938 में लाट गांव में एक कृषक परिवार में जन्मे श्री अर्जुन सिन्हा ने पटना के खेमनी चक स्थित अपने आवास पर 86 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली।
समाजिक क्षेत्र में गहरी रुचि रखने वाले अर्जुन सिन्हा की आरंभिक शिक्षा गांव के स्कूल में हुई। वर्ष 1961 में उच्च विद्यालय हुलासगंज में सहायक शिक्षक के रूप में अपना अध्यापकीय जीवन इन्होंने आरंभ किया। एक सफल शिक्षक , तेज तर्रार फुटबॉलर ,सांस्कृतिक चेतना के कलाकार , प्रख्यात रंगकर्मी एवं जनमानस में लोकप्रिय व्यक्तित्त्व के धनी महापुरुष के रूप में अपनी पहचान उन्होंने बनाई। उच्च विद्यालय मोहनपुर में कुछ सालों तक प्रधानाचार्य के पद को सुशोभित करते हुए टेकारी राज स्कूल (+2 इण्टर कॉलेज) में अपने अध्यापकीय जीवन के अंतिम चौदह वर्ष एक प्रधानाचार्य के रूप में बिताकर सक्रिय सेवा से सेवानिवृत होने के बाद वे पटना स्थित आवास और गांव में समय बिताते थे। राज स्कूल टेकारी में उन्होंने 31 दिसम्बर 1984 से 30 नवम्बर 1998 तक अपनी सेवाएं प्रदान की। *उच्च विद्यालय हुलासगंज पूर्ववर्ती छात्र संघ* के संस्थापक संरक्षक के रूप में उन्होंने अभूतपूर्व मार्गदर्शन किया।
उनके दो सुपुत्र अनिल कुमार एवं अभय कुमार तथा एक सुपुत्री गीता हैं। भरा पूरा परिवार एवं हजारों शुभेच्छुओं को बिलखते छोड़ वे एकाएक चल बसे।
हुलासगंज में गया कॉलेज के अंग्रेजी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ के के नारायण की अध्यक्षता में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया जिसमें डॉ के के नारायण ने अपनी ओर से संवेदना व्यक्त करते हुए उन्हें अपना अभिभावक बताते हुए कहा कि अर्जुन बाबू का निधन से कला, संस्कृति, खेल और शिक्षा जगत में अपूरणीय क्षति हुई है। इस अवसर पर दावथु पंचायत के पूर्व मुखिया उमा शंकर शर्मा समेत कई अन्य लोगों ने स्वर्गीय अर्जुन सिन्हा के चित्र पर माल्यार्पण कर अपनी ओर से श्रृद्धांजलि अर्पित किए।