दिल्ली: बिहार एनडी में सीटों के बंटवारे को लेकर चल रही गहमागहमी आखिकार खत्म हो गई और गठबंधन में शामिल सभी दलों के बीच सीटों का बंटवारा कर लिया गया। दिल्ली में गठबंधन में शामिल दलों की बैठक में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय कर लिया गया और अब सीटों के बंटवारे का औपचारिक एलान भी कर दिया गया है। दरअसल, एनडीए में सीट बंटवारे में हो रही देरी को लेकर काफी सवाल उठ रहे थे। गठबंधन में शामिल दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर सहमति नहीं बन पा रही थी। यही वजह था कि बीजेपी की तरफ से जारी की गई उम्मीदवारों की दोनों ही लिस्टों में बिहार की सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम का ऐलान नहीं किया गया था। विपक्षी दलों का कहना था कि एनडीए के भीतर कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है, जिसका नतीजा है की सीट शेयरिंग का पेंच नहीं सुलझ रहा है। दिल्ली में सोमवार को सीट बंटवारे को लेकर अंतिम दौर की बातचीत हुई। एनडीए की बैठक में जेडीयू की तरफ से उमेश कुशवाहा, राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा, हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी, चिराग पासवान की पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी, बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी, राष्ट्रीय लोजपा के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस मौजूद रहे। एनडीए में सीट शेयरिंग का जो फॉर्मूला तय हुआ है, उसके मुताबिक, बीजेपी बिहार की 17 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी जबकि नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू 16 सीटों पर लोकसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारेगी। वहीं चिराग की पार्टी लोजपा (रामविलास) के हिस्से में पांच सीटें आई हैं। कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा एक सीट और जीतन राम मांझी की पार्टी हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा लोकसभा की एक सीट पर चुनाव लड़ेगी। वहीं सबसे बड़ा नुकसान पशुपति कुमार पारस की पार्टी राष्ट्रीय लोजपा को उठाना पड़ा है। (R)LJP को लोकसभा की एक भी सीट नहीं मिली है।