आदर्श आचार संहिता भी लागू नहीं हुई है। कोलकाता: लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही पश्चिम बंगाल में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की तैनाती शुरू हो गई है। मार्च के पहले हफ्ते में सीएपीएफ की करीब 150 टुकड़ियां राज्य में तैनात हो सकती हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, 100 कंपनियां आज यानी 1 मार्च को पहुंच रही हैं। इसके अलावा, 50 और सैन्य टुकड़ियां 7 मार्च को पहुंने वाली हैं। पोल पैनल के एक अधिकारी ने कहा, ‘पश्चिम बंगाल में केंद्रीय बलों की तैनाती शुरू हो चुकी है। वे अभी से अलग-अलग इलाकों में विश्वास बहाली के कदम उठाएंगे। आने वाले दिनों में और भी जवान यहां आने वाले हैं।’
बंगाल के हर एक जिले में 3-7 सैन्य टुकड़ियों की तैनाती होगी। कोलकाता में करीब 10 कंपनियां तैनात हो सकती हैं। सीनियर अधिकारी ने बताया कि बशीरहाट में 5 टुकड़ियां तैनात की जाएंगी। संदेशखाली बशीरहाट जिले में ही आता है, जहां यौन उत्पीड़न और भूमि हड़पने के आरोपों को लेकर राजनीति गरमाई हुई है। कई स्थानीय टीएमसी नेताओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए हैं। बताया जा रहा है कि 6 कंपनियां पूर्वी मिदनापुर में तैनात की जाएंगी, जिसे भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी का गढ़ माना जाता है। ममता बनर्जी 2021 के विधानसभा चुनाव में पूर्वी मिदनापुर के नंदीग्राम में अधिकारी से हार गई थीं।
सीनियर अधिकारी ने बताया कि मालदा और पूर्वी मिदनापुर में 7-7 सैन्य टुकड़ियां तैनात होंगी। आसनसोल-दुर्गापुर में 6, बशीरहाट-पश्चिमी मिदनापुर में 5 और पुरुलिया, बांकुरा व बीरभूम को 4 कंपनियों को तैनात किया जाएगा। चुनाव आयोग ने अभी तक चुनावों की तारीखों की घोषणा नहीं की है। इससे पहले ही केंद्रीय बलों की तैनाती से राज्य में राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। टीएमसी के राज्य उपाध्यक्ष जय प्रकाश मजूमदार ने कहा, ‘यह पहली बार है जब चुनाव आयोग ने इलेक्शन की तारीखों की घोषणा नहीं की है। मगर, इससे पहले ही केंद्रीय बलों को तैनात किया जा रहा है। आदर्श आचार संहिता भी लागू नहीं हुई है। मुझे यह समझ नहीं आ रहा कि इस स्थिति में केंद्रीय बलों को कौन नियंत्रित करेगा।’