
रिपोर्ट वैभव गुप्ता।
कस्बे में बाईपास रोड पर स्थित ज्योतिबाफूले जूनियर हाईस्कूल में मान्यता प्राप्त विद्यालयों की एक बैठक आयोजित की गई,बैठक की अध्यक्षता महासंघ के जिला संरक्षक यामीन इदरीसी ने की तथा संचालन नगर अध्यक्ष मेघराज सिंह ने किया।
बैठक को संबोधित करते हुए महासंघ के वरिष्ठ जिला महासचिव विकास पंवार ने कहा कि सरकार द्वारा कुछ वर्ष पहले प्रदेश के सभी मान्यता प्राप्त विद्यालयों से आरटीई पोर्टल पर मैपिंग करवाई गई थी जिसमें सभी मान्यता प्राप्त विद्यालयों ने मान्यता के पत्र को आरटीई पोर्टल पर अपलोड करवाया था। इसके बाद सरकार द्वारा आरटीई पोर्टल पर लेवल 1,2,3,4 क्रमशः कक्षा 1,यूकेजी, एलकेजी,नर्सरी कक्षाएं पोर्टल पर खोल दी गई थी अभिभावकों के द्वारा आवेदन करने के बाद शिक्षा विभाग द्वारा ऐसे अधिकतर विद्यालयों में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत प्री प्राइमरी कक्षाओं में दुर्बल समूह या अलाभित समूह के बच्चों के प्रवेश मान्यता प्राप्त विद्यालयों में भेजे गए हैं और उनकी फीस प्रतिपूर्ति भी दी जा रही हैं पहले के समय में प्री प्राइमरी कक्षाओं के लिए मान्यता लेने का कोई प्रावधान या नियम नहीं था फिर सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त विद्यालयों में आरटीई के अंतर्गत प्रवेश भेजे गए तो इससे ये साफ हो गया कि सरकार ने प्री प्राइमरी कक्षाओं के संचालन की अनुमति दे दी है।तब से अब तक सभी विद्यालयों में प्री प्राइमरी कक्षाएं चलती आ रही है तो बीच के कुछ वर्षों में प्री प्राइमरी कक्षाओं की मान्यता देने का कार्य सरकार द्वारा किया गया लेकिन जब हमारे पास खुद सरकार एवं शिक्षा विभाग द्वारा प्री प्राइमरी कक्षाओं में बच्चों के प्रवेश करवाए जा रहे है तो फिर कोई भी ऐसा स्कूल मान्यता क्यों लेता अब सरकार अपने सरकारी विद्यालयों में बालवाटिका चलाने जा रही है तो इससे पहले ही इसी सत्र में विद्यालयों को सूचना दिए बिना ही पोर्टल से प्री प्राइमरी कक्षाओं को हटा दिया गया है और साथ ही साथ प्री प्राइमरी की मान्यताएं देना बंद कर दिया है जिससे कोई मान्यता प्राप्त विद्यालय प्री प्राइमरी की कक्षाओं की मान्यता भी नहीं ले सकता है। जब प्री प्राइमरी कक्षाओं में प्रवेश नहीं होगे तो आगे की कक्षाओं में बच्चे कहा से आयेंगे क्योंकि सरकार बाल वाटिका में प्रवेश लेने के बाद फिर कक्षा पांच तक बच्चो के नाम अपने विद्यालयों से नहीं काटने की तो इससे मान्यता प्राप्त विद्यालयों में संख्या धीरे धीरे कम हो जाएगी और विद्यालय बंद हो जाएंगे अतः ऐसे निर्णय का महासंघ पुरजोर विरोध कर रहा है प्री प्राइमरी कक्षाओं को पुनः खोलने हेतु सभी खंड शिक्षा अधिकारियों के द्वारा एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी महोदया को महासंघ द्वारा मांगपत्र दिए गए है जिनपर शिक्षा विभाग द्वारा अबतक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है जोकि मान्यता प्राप्त विद्यालयों को बंद करने की एक साजिश का हिस्सा है यदि जल्द ही प्री प्राइमरी कक्षाओं को पुनः नहीं खोला जाता है तो महासंघ धरना प्रदर्शन करने एवं उच्च न्यायालय जाने को बाध्य होगा,सभी साथी न्यायालय में रिट याचिका दायर करने हेतु तैयार रहे। रविंद्र कुमार ने कहा कि सरकार प्राइवेट विद्यालयों को बंद करने हेतु कार्य कर रही हैं जबकि खुद सरकार मानती है कि देश के 85% बच्चों को शिक्षा देने का कार्य मान्यता प्राप्त विद्यालय कर रहे हैं,अब सरकार द्वारा प्राइवेट विद्यालयों के शिक्षकों की योग्यता आदि की जांच करने का कार्य शुरू किया जाने वाला है जबकि सरकार के अपने विद्यालयों में आज भी बहुत ही कम योग्यता वाला स्टाफ कार्य कर रहा है अतः सभी साथी महासंघ के साथ एकजुटता के साथ तन मन धन से सहयोग करते रहे मान्यता प्राप्त विद्यालयों के लिए महासंघ सुरक्षा कवच है।
ब्लॉक अध्यक्ष संजीव कुमार ने कहा कि एकता में शक्ति होती हैं मान्यता प्राप्त विद्यालयों के सबसे बड़े संगठन महासंघ द्वारा हमेशा से ही मान्यता प्राप्त विद्यालयों की समस्याओं का समाधान करने का काम किया जाता रहा है अब भी महासंघ किसी भी प्राइवेट स्कूल को बंद नहीं होने देगा चाहे इसके लिए हमें सड़कों पर उतरकर धरना प्रदर्शन करना पड़े या न्यायालय में जाना पड़े हम अपने मान्यता प्राप्त विद्यालयों को बचाने के लिए सदैव महासंघ के साथ जुड़कर सहयोग करें।इस दौरान भूपेंद्र सिंह, उपाध्यक्ष किशोर सैनी,नगर महासचिव जसबीर सैनी,ब्लॉक महासचिव श्रीपाल रोहिला,नियाज अहमद,शालिनी,विशाखा कोषाध्यक्ष सुनील कुमार,उपाध्यक्ष विवेक शर्मा,सचिव वीरेन्द्र सिंह,संजीव पंवार,यासिर अराफात,जाहिद हसन,राजेश कुमार,अशोक कुमार,तेलूराम,श्रीराम सैनी,,रविंद्र कुमार,जर्मन चौहान,विकल पंवार, बाबूराम,रीतू शर्मा, मौहम्मद राशिद, मुर्तजा, सुनीता,सीता भारद्वाज आदि शिक्षक उपस्थित रहे ।
