कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय के वार्डन द्वारा छात्राओं के साथ नौकरानी जैसा व्यवहार करने का आया मामला प्रकाश में। अरवल जिले के वलिदाद स्थित विद्यालय का है कारनामा।

Breaking news News बिहार

जहानाबाद (बिहार) से ब्यूरो चीफ मनोहर सिंह का रिपोर्ट

जहानाबाद -से – एक बड़ा ही हैरतअंगेज कारनामे की बात सामने आई है, जहां कलेर प्रखंड क्षेत्र के वलिदाद स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में पढ़ रही बालिकाओं के साथ विद्यालय वार्डन (प्राचार्या) द्वारा शिक्षण ग्रहण कर रही छात्राओं को घरेलू नौकरानी जैसा व्यवहार करने का विडियो वायरल हो रहा है।अरवल जिले से शोसल मिडिया में एक विडियो तेजी के साथ वायरल हो रहा है, जिसमें साफ देखा जा रहा है कि जिले के कलेर प्रखंड स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं से वार्डन विनीता कुमारी द्वारा तेल मालिश एवं हाथ में मेहंदी लगवाई जा रही है। हालांकि हो रहा वायरल विडियो एस के लाइव चैनल न्यूज वायरल विडियो को पुस्टी नहीं करता, फिर भी जिस तरह विडियो में देखा जा रहा है, जिससे प्रतित होता है कि कही न कही वार्डन द्वारा छात्राओं को मानसिक उतपिड़न कर काम ले रही होगी।

वही छात्राओं ने वार्डन (प्राचार्या) विनीता कुमारी पर कई गम्भीर जैसे मानसिक एवं शारीरिक उत्पीड़न सहित अन्य निजी काम कराने की आरोप लगाई है।छात्राओं का कहना है कि वार्डन विनीता कुमारी छात्राओं से तेल मालिश, कपड़ा धुलाई, बर्तन साफ कराना, निजी खाना एवं नाश्ता बनाने के साथ साथ बाल र॑गवाने का भी काम करवाती है।वही छात्राओं ने बताई कि सारा काम मजबूरी एवं दबाव देकर कराई जाती है।यहां सवाल उठता है कि क्या छात्राओं के साथ हो रही मानवीय उत्पीड़न की खबर शिक्षा विभाग को अब तक क्यों नहीं लगी,या जानते हुए अनजान बनकर छात्राओं को मानसिक उतपिड़न देखना विभाग की मजबूरी बनी हुई थी। क्या सुशासन बाबू की सरकार में गरीब परिवारों के बच्चियों के साथ माननीय उत्पीड़न होती रहें।और यदि नहीं तो फिर वैसे वार्डन के खिलाफ अबतक कारवाई क्यों नहीं हो सका।यहां तक की छात्राओं ने बताई कि वार्डन (प्राचार्या) अपने परिवार एवं बच्चे को छात्रावास में भी ठहराती है,और विद्यालय की सामग्री का ही उपयोग करती है।जो नियम का सरासरी उलंघन है।किसी भी वार्डन या विद्यालय में पदस्थापित शिक्षिका के परिजनों को छात्रावास में ठहरने का निर्देश नहीं है।फिर भी वार्डन द्वारा सारी सरकारी नियमों को ताक पर रख शिक्षा विभाग पर करारा प्रहार करने की कोशिश किया है।मामला चाहे जो कुछ भी हो, अरवल जिला प्रशासन एवं शिक्षा विभाग इस पर संज्ञान लेते हुए भ्रष्टाचार में लिप्त वार्डन पर कारवाई करता है या नहीं।