
रिपोर्ट वैभव गुप्ता।
सोमवार को प्रातः मंदिर में श्री चंद्रप्रभु भगवान की प्रतिमा को पाण्डुकशिला पर विराजमान कर अभिषेक और शांतिधारा की गई। इसके बाद नित्य नियम पूजा ओर तेरह द्वीप विधान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पं अंकित शास्त्री ने कहा कि दशलक्षण पर्व का पांचवां दिन उत्तम सत्य धर्म का दिन है। सत्य धर्म का अर्थ है परम सत्य को अनुभव करके और उसका पालन करके ही सच्चा और कुशल जीवन जीना। मनुष्य को जीवन में हमेशा सच बोलना चाहिए। सत्य कभी पराजित नहीं होता सत्य की हमेशा जीत होती हैं। शाम को श्री जी की भव्य आरती की गई। इसके बाद म्यूजिकल चेयर प्रतियोगिता कराई गई। सभी विजेताओ को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में महिला जैन मिलन का विशेष योगदान रहा।इस दौरान जैन प्रधान मनोज जैन, महामंत्री निपुण जैन, अमित जैन, सुधीर जैन, विद्यासागर जैन,शशांक जैन, अतुल जैन, प्रशांत जैन, ललित जैन, अभिषेक शास्त्री, राकेश जैन, आकाश जैन, अंशुल जैन, विपुल जैन,अर्पित जैन, नमन जैन, आर्जव जैन, नवीन जैन, ललित जैन, शुभम जैन, अंकित जैन , वर्षा जैन, प्रीति जैन, सुनीता जैन, रेणु जैन, माधवी जैन, पूजा जैन, संगीता जैन सृष्टि जैन, शारदा जैन, गरिमा जैन, करुणा जैन, परख जैन, विनीता जैन, पायल जैन, दीपा जैन सहित समाज के महिला पुरुष मौजूद रहे।