
मोतिहारी / राजन द्विवेदी।
गुरुवार को आयुर्वेद जगत् के पितामह नाम से सुविख्यात, संस्कृत साहित्य एवं धर्मशास्त्र के मूर्धन्य विद्वान, रवीन्द्रनाथ मुखर्जी आयुर्वेद कॉलेज मोतिहारी के पूर्व प्राचार्य व आर्षविद्या शिक्षण प्रशिक्षण सेवा संस्थान-वेद विद्यालय के संरक्षक रहे पंडित प्रवर स्व० दीपनारायण मिश्र जी की चौथी पुण्यतिथि पर आयुर्वेद कॉलेज के नजदीक उनके निवास स्थान पर भजन संध्या सह श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उपस्थित चिकित्सक गण, समाजसेवी, शिक्षाविद् सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे। इस अवसर पर डा० आलोक ने अपने पिता के पदचिह्नों पर चलने और समाज में उनके कीर्ति को सदैव प्रसारित करने का संकल्प लिया।
वेद विद्यालय के प्राचार्य पं० सुशील पांडेय ने वैद्य मिश्र जी के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर चर्चा करते हुए कहा कि स्व० दीपनारायण मिश्र ने समाज के लिए सदैव कार्य किया और आयुर्वेद को चिकित्सा क्षेत्र में लब्धप्रतिष्ठित करने के लिए सदैव लगे रहे। साठी से पधारे संगीताचार्य, संगीत स्नातक शिक्षक जयप्रकाश सारथी ने अपने भजनों से सभी को भाव-विभोर कर दिया। इस अवसर पर समाजसेवी शंभू यादव, पं० सत्यनारायण मिश्र, समाजसेवी पूर्व मुखिया संजय कुमार शुक्ला आदि ने अपने विचार व्यक्त किए।इस अवसर पर परिवार के सदस्यों में स्व० मिश्र जी की धर्मपत्नी गीता मिश्रा, सुपुत्र आशुतोष, आदित्य,डा० अभिषेक, पुत्रवधू डा० मीता, प्रकृति, प्रियंका, पौत्री तनया, वत्सला, पौत्र अग्निवेश, अथर्व आदि उपस्थित थे।