
मोतिहारी / राजन द्विवेदी।
जिला मत्स्य कार्यालय मोतिहारी के प्रांगण में एक दिवसीय मत्स्य प्रत्यक्षण सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
जिला मत्स्य पदाधिकारी डा . नूतन ने कार्यक्रम में उपस्थित मत्स्य प्रसार पदाधिकारी, मत्स्य विकास पदाधिकारी, गोडवा पंचायत के मुखिया राजू बैठा एंव विभिन्न प्रखंडो से आए मत्स्य पलकों का स्वागत किया।
जिला मत्स्य पदाधिकारी ने मत्स्य पलकों के लिए केसीसी, राज्य योजना एंव केंद्र योजना की विस्तार से जानकारी दी। बताया कि बायोफ्लॉक 07 टैंक
योजना का मुख्य उद्देश्य कम वर्षापात एवं पानी की कमी वाले क्षेत्र में यांत्रिक रूप से नियंत्रित तकनीक से सघन मत्स्य पालन को बढाना है। साथ ही पारंपरिक मत्स्य पालन की तुलना मे इस तकनीकी से कम जगह एवं कम पानी मे भी अधिक मत्स्य उत्पादन प्राप्त की जा सकती है।
बायोफ्लॉक टैंक इनटेनसीव कल्चर में 5000 वर्ग फीट टैंक में 6 माह में 4 टन का उत्पादन लिया जा सकत है। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजनान्तर्गत बायोफ्लॉक टैंक का इकाई लागत 7.50 लाख रू० प्रति यूनिट निर्धारित है।
प्रधानमंत्री मत्स्य योजना के तहत आवेदन करने पर अन्य वर्ग के व्यक्तियों को 40 प्रतिशत एवं महिला किसी भी वर्ग के हो/अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों को 60 प्रतिशत का सब्सिडी देय होगा।
वहीं पुनः परिसंचरण मत्स्य पालन तकनिकी (रिसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम, आरएएस)
योजना का मुख्य उद्देश्य पारंपरिक मत्स्य पालन की तुलना मे इस तकनीक से कम जगह एवं कम पानी में भी अधिक मत्स्य उत्पादन की जा सकती है।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजनान्तर्गत आरएएस का इकाई लागत 7.50 लाख रू० प्रति यूनिट निर्धारित है।
प्रधानमंत्री मत्स्य योजना के तहत आवेदन करने पर अन्य वर्ग के व्यक्तियों को 40 प्रतिशत एवं महिला किसी भी वर्ग के हो / अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों को 60 प्रतिशत का सब्सिडी देय होगा।