जहानाबाद (बिहार) से ब्यूरो चीफ मनोहर सिंह का रिपोर्ट।
जहानाबाद –जिले के एस.एस. कॉलेज, में आज आईक्यूएसी एवं आई.वी.टी.टी.आर.आई, धनबाद के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय बहुउद्देशीय अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का शुभारंभ हुआ। सेमिनार का मुख्य विषय “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस: वर्तमान शोध विश्लेषण और परिकल्पना में आवश्यकता एवं प्रभाव” पर केंद्रित है।
हाइब्रिड मोड में आयोजित इस सेमिनार में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने अपने विचार व्यक्त किए। उद्घाटन सत्र में आई.आई.टी. पटना के निदेशक प्रो० टी.एन. सिंह ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की जटिल प्रकृति को देखते हुए इसके सकारात्मक और नकारात्मक प्रभावों का गहन अध्ययन आवश्यक है। पटना विश्वविद्यालय के प्रो० एस.बी. राय ने कहा कि एआई ने शोध और नवाचार के क्षेत्र में नई संभावनाओं को जन्म दिया है।
एन.आई.टी. पटना के डॉ० अभिषेक सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि एआई का उपयोग नैतिकता और मानव श्रम के लिए चुनौती न बने, इसके लिए एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) तैयार किया जाना चाहिए। कार्यक्रम के अध्यक्षीय भाषण में प्राचार्य प्रो० (डॉ०) कृष्णानंद ने कहा कि मानवीय जीवन के उन क्षेत्रों की पहचान करना जरूरी है, जहां एआई का प्रभावी उपयोग संभव है। उन्होंने विश्वास जताया कि एआई नई बौद्धिक क्रांति का वाहक बनेगा और मानवता के लिए वरदान साबित होगा। इस अवसर पर टाउकान रिसर्च, बंगलुरु के निदेशक डॉ० के.के. मिश्रा के सौजन्य से तीन शोधकर्ताओं को सावित्रीबाई फुले एक्सलेंस अवार्ड से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के दौरान कॉलेज की स्मारिका और पत्रिका का विमोचन भी हुआ। उद्घाटन सत्र का संचालन डॉ० स्नेहा स्वरुप ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन सेमिनार के संयोजक डॉ० विनोद कुमार रॉय ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में प्रो० प्रवीण दीपक, डॉ० के.के. पांडे सहित कई विशिष्ट वक्ताओं ने अपने विचार रखे। शोधार्थियों और छात्रों की उत्साहपूर्ण उपस्थिति ने सेमिनार को सफल बनाया।