धनतेरस पर बाजार गुलजार महंगाई का नहीं दिखा असर

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करपी (अरवल) धनतेरस के दिन से ही दीपोत्सव की शुरुआत मानी जाती है। दीपावाली के दो दिन पूर्व धनतेरस को मनाया जाता है। धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरि की पूजा की जाती है जिन्हें हम आयुर्वेद के जनक के नाम से भी जानते है।उस दिन आध्यात्मिक ऐसी मान्यता है कि सिक्का नए बर्तन एवं झाड़ू खरीदने से व्यक्ति पर मां लक्ष्मी की कृपा होती है। क्योंकि झाड़ू जो की सामान्य वस्तु है लेकिन हर घर की सफाई करने की जिम्मेदारी इसी पर होती है इसलिए अध्यात्म में इसका विशेष स्थान रखा गया है। धनतेरस के चलते क्षेत्र के सभी बाजार गुलजार नजर आये। धनतेरस पर महंगाई का कोई असर बाजारों में देखने को नहीं मिला। बर्तन के दुकानों पर काफी भीड़ देखी गई। वहीं सोनार की दुकान पर भी चांदी के सिक्का को खरीदने वाले लोग काफी देखे गए ।बाजार में झाड़ू की दुकान पर काफी लंबी कतार लगी हुई थी क्योंकि सिक्का एवं बर्तन खरीदने के बाद भी व्यक्ति झाड़ू को अवश्य लेना चाहता है। धनतेरस को मा लक्ष्मी की प्रथम आराधना की जाती है ।वैसे तो शक्ति स्वरुप में मां दुर्गा एवं सरस्वती का भी स्थान है लेकिन लक्ष्मी जिनकी कृपा से व्यक्ति धन-धान्य से पूर्ण होता है दीपावली पर मां लक्ष्मी की पूजा की महता है। दो-तीन दिन का कार्यक्रम इस पूजा में किया जाता है। धनतेरस के दिन क्षेत्र के विभिन्न गांवों में रात्री में भोजन के यम का दीपक निकाला जाता है दूसरे दिन यानी आज पूरे क्षेत्र में देव पूजन किया जाता है जिसमें देवताओं के पास दीपक रखकर लोग उनकी आराधना करते हैं। क्षेत्र के शहर तेलपा एवं बेलखारा करपी इत्यादिबाजारों में पुरुषों के अपेक्षा महिलाओं एवं बच्चों की संख्या खरीदारी करते ज्यादा देखी गई। आए दिन लोग महंगाई की चर्चा करते हैं लेकिन धनतेरस के दिन जिस तरह से बाजारों में पैसे की वर्षा हो रही है थी लग रहा था मानो लक्ष्मी का सीधा आशीर्वाद बाजारों को प्राप्त है। पूरे क्षेत्र में प्रशासनिक गश्त भी काफी सक्रिय नजर आई ।खुद शहर तेलपा अध्यक्ष हरिकांत कुमार क्षेत्र के कई जगहों पर गश्त करते हुए नजर आए ।साथ ही थाना के अन्य सहयोगी नारायण जी पाठक राजीव कुमार राघव झा एवं सचिन कुमार क्षेत्र में सक्रिय नजर आए।