जिस तरीके से अस्पताल परिसर मे तोड़ फोड़ की गई, अभद्र भाषायों का इस्तेमाल किया गया और डॉक्टर्स और मेडिकल स्टॉफ पर जान लेवा हमला किया गया, इसकी अस्पताल प्रशासन घोर निंदा करता है। कानून के अनुसार, किसी भी परिस्थिति मे ऑन ड्यूटी डॉक्टर्स पर हमला, अस्पताल मे तोड़ फोड़ को बेहद संगीन अपराध माना गया है। जिस तरीके से अस्पताल की गाड़ी पे हमला किया गया जिसमे अस्पताल की महिला चिकित्सक एवं अन्य एक डॉक्टर थे उसे लगता है कि यह सुनीयोजित साजिश के तहत अंजाम दिया गया है। ऐसा प्रतीत होता है कि अस्पताल की छवि धूमिल करने कि कुछ लोगों द्वारा साजिश रची जा रही है। अस्पताल के डॉक्टर्स द्वारा अब तक कई मरीज़ो का सफल उपचार किया जा चूका है जिनमे कई का निःशुल्क उपचार भी किया गया है। ऐसे मे अस्पताल को बदनाम करना किसी साजिस के तहत ही हो सकता है। इस प्रकरण मे अस्पताल को सुरक्षा प्रदान करने मे पुलिस प्रशासन का महत्वपूर्ण योगदान रहा। इसके लिये अस्पताल प्रबंधन उनका आभार व्यक्त करता है। अस्पताल प्रबंधन तोड़ फोड़ करने वाले, डॉक्टर्स पर जानलेवा हमला करने वालो के खिलाफ पुलिस प्रशासन को लिखित शिकायत सौपा है और प्रशासन ने उचित करवाई का भरोसा दिया है।
गौरतलब है कि इलाजरत मरीज़ के मौत के बाद इस घटना को इंज़ाम दिया गया। जबकि अस्पताल प्रबंधन का केहना है कि बच्चे की दुर्घटना के चलते काफ़ी गंभीर चोट लगी थी, उसकी अतडी चार जगह से फट चुकी थी और पेट मे लगभक 1/2 लीटर खून जम गया था। उसके पसली की हड्डी के साथ रीढ़ की हड्डी भी टूटी हुई थी। इतने सारे चोट के चलते शरीर मे इन्फेक्शन काफ़ी बढ़ चूका था। डॉक्टर्स ने अपने तरफ से मरीज को हर संभव बचाने की कोशिश की लेकिन बच्चे की हालत बिगड़ती ही चली गई।
एक और मामले को अस्पताल प्रबंधन ने गंभीरता से लिया है। जिस तरीके से एक निजी फेसबुक न्यूज़ चैनल द्वारा तथ्यहीन आधार पर अस्पताल कि छवि को धूमिल करने की कोशिस की गई है उसे भी एक साजिश का हिस्सा मानती है। उस फेसबुक पत्रकार महोदय द्वारा जिस तरीके से भीड़ को उकसाया गया और अस्पताल एवं डॉक्टर्स की छवि धूमिल करने की कोशिश की गई, उकसे खिलाफ अस्पताल प्रबंधन कानूनी करवाई करने का निम लिया है।