जहानाबाद-जिले के पूर्व केंद्रीय मंत्री सह स्वतंत्रता सेनानी स्व उपेंद्र नाथ वर्मा की 13 वीं पुण्यतिथि राजकीय समारोह आयोजित कर,दी गई श्रद्धांजलि।

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जहानाबाद (बिहार) से ब्यूरो चीफ मनोहर सिंह का रिपोर्ट।

जहानाबाद – स्वतंत्रता सेनानी एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व उपेंद्र नाथ वर्मा जी की 13वीं पुण्यतिथि मनाई गई। इस अवसर पर राजकीय समारोह का आयोजन उनके जन्म स्थल झम्मन विगहा, मखदुमपुर में किया गया।
इस अवसर पर माननीय सांसद जहानाबाद सुरेन्द्र प्रसाद यादव, माननीय सांसद औरंगाबाद, अभय कुशवाहा, पूर्व अध्यक्ष बिहार विधान सभा उदय नारायण चौधरी, माननीय विधायक कुर्था एवं स्व0 श्री वर्मा के सुपुत्र बागी कुमार वर्मा, पूर्व माननीय विधायक मखदुमपुर सुबेदार दास, जिला पदाधिकारी अलंकृता पांडे, पुलिस अधीक्षक अरविंद प्रताप सिंह के द्वारा स्वतंत्रता सेनानी एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व उपेंद्रनाथ वर्मा जी के मूर्ति पर माल्यार्पण कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
लोकरत्न, युग पुरुष, प्रखर समाजवादी, बहुमुखी प्रतिभा के धनी, स्व उपेंद्र नाथ वर्मा के पुण्यतिथि के इस अवसर पर सभी उपस्थित माननीय अतिथियों एवं जिला पदाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक के द्वारा श्री वर्मा के योगदानों को याद किया गया। साथ ही पिछड़ा, अति पिछड़ा एवं अन्य वर्गों के उत्थान के लिए उनके प्रयासों को आगे ले जाने के लिए भी संकल्प लिया गया।


वही सा॑सद सुरे॑द्र प्रसाद यादव ने कहा कि स्व उपेंद्रनाथ वर्मा का स्वतंत्रता संग्राम से लेकर राजनैतिक एवं सामाजिक पटल तक महत्वपूर्ण योगदान रहा है। वही पूर्व विधान सभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने कहा कि स्व0 श्री वर्मा एक कुशल संगठनकर्ता थे, जिनके कारण उन्हें सोशलिस्ट पार्टी में 9 बार अध्यक्ष बनाया गया। वर्ष 2009 में राज्य सरकार ने उन्हें राज्य किसान आयोग का अध्यक्ष मनोनीत किया एवं कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया। इतना ही नहीं शिक्षा के क्षेत्र में भी उनका योगदान अविस्मरणीय है, 22 उच्च विद्यालय एवं दो महाविद्यालय की स्थापना का श्रेय उन्हें जाता है। माननीय वर्मा के द्वारा 1980 में “मूक आवाज“ नाम से पत्रिका का भी प्रकाशन शुरू किया। स्व0 श्री वर्मा की गणना एक उच्च कोटि के समाज सुधारक के रूप में की जाती है। आज वह हमारे बीच नहीं है तथापि उनका दर्शन, उनका संघर्ष, उनके विचार आम जनों का मार्गदर्शन करते रहेंगे।
आज माननीय अतिथियों के द्वारा अपने संबोधन में नई पीढ़ी के लोगों को उनके जीवन से प्रेरणा लेने के लिए आवाहन किया गया।