शेखपुरा-अपर समाहर्ता की अध्यक्षता में संभावित बाढ़ सुखाड़ की पूर्व तैयारियों की समीक्षा,मंथन सभागार में बैठक आहुत की गई

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रंजन कुमार ब्यूरो चीफ शेखपुरा

शेखपुरा जिला के अपर समाहर्ता की अध्यक्षता में संभावित बाढ़/सुखाड़ की पूर्व तैयारियों की समीक्षा हेतु समाहरणालय स्थित मंथन सभागार में बैठक आहुत की गई। जिलान्तर्गत घाटकुसुम्भा प्र्रखंड के 05 पंचायतों एवं 24 राजस्व ग्राम हरोहर नदी के किनारे अवस्थित है, जो टाल क्षेत्र भी है। बरसात के दिनों में पुनपुन, रतोइवा, जिराईन सोमे एवं मोना नदी के जल आकर मिलते है इसके अतिरिक्त गंगा नदी का बैक वाटर भी हरोहर नदी में आ जाता है, जिसके कारण बाढ़/जल जमाव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। जिला पदाधिकारी महोदया द्वारा घाटकुसुम्भा के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र जाकर स्वयं जायजा लिया गया था। बाढ़ से प्रभावित होने वाले सभी संभावित विभागों को अपने स्तर यथाशीघ्र पूर्ण तैयारी करने का भी निदेश दिया गया। वर्ष 2021 में सितम्बर माह के अंतिम सप्ताह में ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई थी। वर्तमान में वर्षापात की स्थिति की समीक्षा के क्रम में बताया गया कि माह जुलाई में अनुमानित 260.6मिलीमीटर वर्षापात की तुलना में 233.2 मिलीमीटर बारिश हुईं।अगस्त माह में 320 मिलीमीटर की संभावित बारिश होने का अनुमान है। प्रभारी पदाधिकारी आपदा शाखा द्वारा बताया गया कि संभावित बाढ़ 2024 के मद्देनजर बाढ़ राहत साम्रगियों के आपूर्ति के लिए ब्लू मोशन टेक्नोलाॅजी (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड को एजेंसी के रूप में चयन किया गया है। जिलें में 5472 प्लास्टिक शीट्स उपलब्ध है। जबकि 54 लाईफ जैकेट उपलब्ध है। 1000 अतिरिक्त पाॅलीथीन शीट्स की अधियाचना नोडल पदाधिकारी मुंगेर से की गई है। जिलें में 20 निजी नाव मालिकों के साथ एकरारनामा कर लिया गया है। अनुग्रह अनुदान के भुगतान हेतु आपदा सम्पूर्ति पोर्टल पर अपलोडिंग/आद्यतीकरण की समीक्षा में बताया गया कि कुल 62906 लाभार्थियों से सभी का आधार से सत्यापित हो चुका है। पीएफएमएस द्वारा कुल 56897 लाभुकों को स्वीकृति दी गई। अपर समाहर्ता द्वारा सभी अंचलाधिकारी को शेष लंबित लाभुकों के आवेदन पर शीघ्र उचित कार्रवाई करते हुये करवाई प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निदेश दिया गया है। संभावित बाढ़ की स्थिति में चिन्हित किये गये बाढ़ राहत शिविरों एवं सामुदायिक रसोई केन्द्रों पर की जाने वाली मूलभूत सुविधाओं की तैयारी यथाशीघ्र पूर्ण करने को कहा गया है। जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा बताया गया है की जिला में 100 प्रतिशत धान के बिचड़ा गिरा दिया गया है एवम 55 प्रतिशत धान अच्छादन भी हो गया है। जिला पशुपालन पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि वितीय वर्ष 2024-25 में पशुचारा कर दर निर्धारण कर लिया गया है। कुल 20 सौर चालित नाॅद है जिसको कार्यपालक अभियंता पीएचईडी को जांच कर अद्यतन प्रतिवेदन से उन्हे अवगत कराने को कहा गया है। 35 प्रकार की पशु दबा उपलब्ध है। जिला प्रोग्राम पदाधिकारी को आईसीडीएस के लाभुकों खासकर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को चिन्हित कर उनकी सूची को आपदा प्रबंधन कार्यालय को उपलब्ध कराने को कहा गया है स्वास्थ्य विभाग द्वारा बताया गया कि संभावित बाढ़/सुखाड़ के मद्देनजर डायरिया हेतु जींक सल्फेट टैबलेट, ओआरएस घोट पारासिटामोल, ब्लीचिंग पाउडर एवं ऐबुलेंस आदि की सुविधा उपलब्ध करा दी गई है जिसको सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा सप्ताहिक समीक्षा बैठक कर आम जनों के लाभ हेतु प्रयोग करने के कहा गया है। लोक स्वास्थ्य कार्य प्रमंडल के द्वारा बताया गया कि जिला का औसतन जल स्तर 38.45 है। जिलें के कुल 547 वार्डों में से जलापूर्ति की जा रही है। चापाकल मरम्मति करने हेतु 06 गैंग द्वारा अबतक 1076 चापाकलों की मरम्मति की गई है शेष लंबित चपाकलों का यथा शीघ्र मरामती करने को उनको निर्देशित किया गया है अपर समाहर्ता महोदय ने सभी संबंधित विभागों को समन्वय स्थापित कर बाढ़/सुखाड़ के मद्देनजर की पूर्ण तैयारी करने को कहा गया। साथ ही सभी संबंधित विभागों को समय-समय पर अद्यतन प्रतिवेदन से भी अवगत कराने का भी निदेश दिया गया। इस अवसर पर उप विकास आयुक्त, सिविल सर्जन,अनुमंडल पदाधिकारी, वरीय उप समाहर्ता सह जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी सहायक आपदा प्रबंधन पदाधिकारी,जिला कृषि पदाधिकारी प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अंचलाधिकारी के साथ साथ अन्य पदाधिकारीगण आदि उपस्थित थें।