मोतिहारी / राजन द्विवेदी।
जदयू के सीतामढ़ी सांसद देवेश चंद्र ठाकुर ने अपने बयान में मुस्लिम और यादव समाज पर वोट नहीं देने के कारण उनकी मदद नहीं करने की घोषणा कर समाज में विद्वेष फैलाने का काम किया है। ऐसा बयान लोकतंत्र के तथा संसदीय आचरण के विरुद्ध है और दुर्भाग्यपूर्ण भी। जन सुराज उनके इस बयान की कड़ी निंदा करता है और उनसे वापस लेने की मांग करता है। उक्त बातें आज़ यहां जन सुराज के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी संजय कुमार ठाकुर ने कही। उन्होंने कहा कि उनका यह बयान उनकी मन: स्थिति को दर्शाता है और यह प्रमाणित करता है कि जिस तरह राजद पिछले बत्तीस वर्षों से मुसलमान और यादव भाइयों को ठग रहा है ठीक उसी तरह नीतीश कुमार और उनका जनता दल यू अब तक उनके लिए घड़ियाली आंसू ही बहाता रहा है। श्री ठाकुर ने कहा है कि एक सांसद जो देश की एकता और अखंडता की शपथ खाता है तथा जो बिहार विधान परिषद का सभापति जैसे मर्यादित पद पर रहा हो उनसे ऐसी उम्मीद नहीं की जा सकती। श्री ठाकुर ने आश्चर्य व्यक्त किया है कि अभी तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अथवा उनके जदयू की तरफ से ऐसे विवादित बयान पर कोई स्पष्टीकरण नहीं आया है जो इस बात का प्रमाण है कि जदयू का मौन समर्थन है। श्री ठाकुर ने जारी बयान में कहा है कि जब जदयू राजद के साथ रहता है तब मुस्लिमों के लिए उनका झूठा प्यार उबाल मारते रहता है और जैसे ही पाला बदल कर भाजपा की गोद में खेलने लगता है वैसे ही साम्प्रदायिकता उनकी सोंच बन जाती है।
श्री ठाकुर ने कहा कि जन सुराज और उसके संस्थापक प्रशांत किशोर एक मात्र सेक्युलरिज्म के मजबूत अलंबरदार हैं , जिनपर आंख मूंदकर भरोसा किया जा सकता है। कारण स्पष्ट है कि वे बाबा -ए- क़ौम महात्मा गांधी के विचारों से लबरेज है और बाबा साहेब डा भीमराव अम्बेडकर के आईन की हिफाजतदार है। जन सुराज के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता श्री ठाकुर ने कहा है कि अविलंब जदयू सांसद देवेश चंद्र ठाकुर को अपना बयान वापस लेते हुए सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए क्योंकि चुनाव जीतने के बाद वे किसी जाति- धर्म विशेष के नहीं सभी के सांसद हैं। जदयू नेतृत्व से भी इस पर स्पष्टीकरण की मांग की है।