चंपारण की खबर::चरस तस्करी मामले में दो को अठारह-अठारह वर्षों के सश्रम कारावास की सजा

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मोतिहारी / दिनेश कुमार।

मद्य निषेध न्यायालय -2 के विशेष न्यायाधीश सूर्यकांत तिवारी ने भारी मात्रा में चरस बरामदगी मामले में दोषी पाते हुए नामजद दो अभियुक्तों को अठारह अठारह वर्षों का सश्रम कारावास एवम प्रत्येक को दो दो लाख रुपए अर्थ दंड की सजा सुनाए। अर्थ दंड नहीं देने पर अतिरिक्त सजा काटनी होगी। सजा संतोषी माता मंदिर अनीशदेय नगर आखाबाड़ा चौल यादव मुंबई निवासी विजयवंशी प्रसाद व मो. शेख उस्मान को हुई। मामले में चकिया के तात्कालीन थानाध्यक्ष निर्मल कुमार ने चकिया थाना कांड संख्या 325/2020 दर्ज कराते हुए दोनों को नामजद किया था। जिसमें कहा था कि 19 सितंबर 2020 को गुप्त सूचना मिली कि नेपाल से भारी मात्रा में मादक पदार्थ लेकर तस्कर कार से मुंबई जा रहे हैं। सूचना के आलोक में चकिया टोल टैक्स के पास पुलिस बल की तैनाती कर वाहन जांच शुरू हुई। करीब 4.30 बजे संध्या मोतिहारी की ओर से मुंबई नंबर का एक स्विफ्ट डिजायर कार आई। संदेह होने पर जब उसकी जांच की गई तो कार की डिक्की से बावन पैकेट में रखा 26.434 ग्राम व्यवसायिक चरस पकड़ा गया। एनडीपीएस वाद संख्या 43/20 विचारण के दौरान अपर लोक अभियोजक प्रभाष त्रिपाठी ने आठ गवाहों को न्यायालय में प्रस्तुत कर अभियोजन पक्ष रखा। न्यायाधीश ने दोनों पक्षों के दलीलें सुनने के बाद नामजद दोनों अभियुक्तों को दोषी पाते हुए उक्त सजा सुनाए। कारागार में बिताए अवधि का समायोजन सजा की अवधि में होगी।