अ॑तरार्रस्टीय पर्यावरण दिवस पर जिला जज ने किया वृक्षारोपण।

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जहानाबाद (बिहार) से ब्यूरो चीफ मनोहर सिंह का रिपोर्ट।

जहानाबाद -अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण दिवस के अवसर पर व्रजेश कुमार जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार जहानाबाद में अपने आवासीय परिसर में वृक्षारोपण करते हुए कहा कि पर्यावरण को बचाने में वृक्षों का महत्वपूर्ण योगदान है हम लोगों ने बड़े पैमाने पर वृक्षों की कटाई की है जिसके कारण आज पर्यावरण पर इसका प्रतिकूल असर पड़ा है पूरे विश्व में ग्लोबल वार्मिंग से लोग परेशान हैं अत्यधिक तापमान में साल दर साल बढ़ोतरी होती जा रही है, ग्लेशियर भी पिघल रहे हैं, और समुद्र का जलस्तर भी बढ़ता चला जा रहा है, आने वाले कुछ वर्षों में भी इससे ज्यादा अत्यधिक तापमान होने का संकेत पर्यावरण विद ने दिया है, प्रकृति ने भी समय से पहलेअपना संकेत देना प्रारंभ कर दिया है, इसका सतत प्रयास सामूहिक रूप से करते हुए अत्यधिक वृक्षारोपण करना होगा। ताकि भीषण और प्रचंड तापमान से बचाव हो सके मानवीय कृतियों के कारण ही जीव जगत पर खतरा मंडरा रहा है,पॉलिथीन पर्यावरण चक्र को बिगाड़ रहा है। ग्रीन हाउस गैसों का प्रभाव कम करने के लिए बड़ी संख्या में पेड़ लगाने की जरूरत है। पेड़ यदि लगा तो हम बच्चों का उनका भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं इसलिए पेड़ लगाना अब अति आवश्यक हो गया है। जिला जज ने कहा “वृक्षारोपण धर्म महान एक वृक्ष 100 पुत्र समान“
वही व्यवहार न्यायालय परिसर में सभी न्यायिक पदाधिकारी एवं कर्मचारी, अधिवक्ताओं, पारा विधिक स्वयंसेवक, आदि ने भी वृक्षारोपण कार्यक्रम में भाग लेकर वृक्षारोपण संपन्न कराया। इस अवसर पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राकेश कुमार ने जागरूकता के माध्यम से संबोधित करते हुए आम जनों को कहा केवल पेड़ को लगाने से पर्यावरण की समस्या समाप्त नहीं होगी जैसे ही हम पेड़ लगाते हैं उसकी देखभाल हम अपने परिवार के बाल बच्चों की तरह भविष्य के लिए करें ताकि वह पेड़ हमे एक अच्छी सुखद वातावरण वायु प्रदान कर सके।


जिला विधिक सेवा प्राधिकार कार्यालय भवन में एक विशेष अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण दिवस के अवसर पर एक विशेष विधिक जागरूकता कार्यक्रम ठोस अपशिष्ट प्रबंधन विषय के बारे में आयोजित किया गया। जिसमें विधिज्ञ के संघ के अध्यक्ष गिरजानंदन सिंह, सचिव अवधेश कुमार, लोक अभियोजक सुरेंद्र प्रसाद सिंह, ने अपने-अपने विचारों से आम जनों को अवगत कराया और कहा कि सभी लोग एक-एक पेड़ अवश्य लगाएं पैनल अधिवक्ता रमेश प्रसाद ने कहा कि ठोस अपशिष्ट को फेंक देने से जमीन तो खराब होती ही है,लेकिन उसको जलाने से वायु प्रदूषण भी बढ़ता है। साथ ही लोगों को कई बीमारियां अपनी चपेट में ले लेती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत प्रति वर्ष 960 मिलियन टन अपशिष्ट उत्पन्न करता है देखा जाए तो हमारे पास ठोस अपशिष्ट निपटान की कोई उचित व्यवस्था भी नहीं है कुशल ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली का मुख्य उद्देश्य पूरे करकट से अधिकतम मात्रा में उपयोगी संसाधन प्राप्त करना और ऊर्जा का उत्पादन करना है ताकि कम से कम मात्रा में अपशिष्ट पदार्थ का लैंडफिल क्षेत्र में फेंकना पड़े पूरे विश्व के साथ भारत में बहुत बड़ी समस्या का रूप ले चुका है क्योंकि शहरीकरण, औद्योगिकीकरण , और आर्थिक विकास के परिणाम स्वरुप शहरी कूड़े – करकट की मात्रा बहुत बढ़ गई है। “बंजर धरती करे पुकार वृक्ष लगाकर हमें संवार“ ।
सचिव रणजीत कुमार ने जागरूकता के माध्यम से कहा कि पर्यावरण का संरक्षण हम सबों का मौलिक अधिकार के साथ कर्तव्य भी बनता है कि नए युग के अनुसार आधुनिक सामग्री प्लास्टिक , पॉलिथीन, फाइबर थर्मोकोल, आदि जैसे वस्तुओं का पूर्ण रूपेण बहिष्कार करें। स्वदेशी प्रकृति पद्धति से तैयार सामग्री का उपयोग ही करें। ताकि वह आसान से नष्ट हो सके और उसका कोई दुष्परिणाम ना देखने को मिले। इस कार्यक्रम में प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय मोतिस कुमार, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश जावेद खान, पुष्पेंद्र कुमार झा, निहारिका, राजेश कुमार वर्मा, राजेश पांडे, कुमार कौशल किशोर, रश्मि, विशाल कुमार, प्रधान दंडाधिकारी किशोर न्यायालय निवेदिता कुमारी, मुंशिफ न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी प्रेरणा सिंह, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी अनीश कुमार, कुमारी डिंपी, आलोक कुमार, लीगल ऐड डिफेंस काउंसिल पदाधिकारी अजीत कुमार राजीव कुमार बैजनाथ शरण, विधिज्ञ संघ के अधिवक्तागण, व्यवहार न्यायालय के प्रबंधक पूजा एवं वरिष्ठ लिपिक पंकज प्रसाद आदि सभी कर्मचारी एवं प्राधिकार कर्मी मनोज कुमार दास ,सुजीत कुमार ,मिथिलेश कुमार ,दीनानाथ कुमार, संतोष कुमार, शशि भूषण कुमार , एवं पारा विधिक स्वयंसेवक विमल कुमार ,संतोष कुमार, शशि भूषण कुमार सिन्हा,अरुण कुमार सिंह ,पूनम कुमारी, बाबू साहेब कुमार, वन विभाग के सभी पदाधिकारी एवं वनकर्मी,आदि उपस्थित थे।