रिपोर्ट वैभव गुप्ता।
मंगलवार को तहसील परिसर में आयोजित कार्यक्रम में संगठन के कार्यकर्ताओं ने वीर विजय सिंह पथिक जी की पुण्यतिथि पर पुष्प अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज चौधरी ने कहा कि विजय सिंह पथिक का असली नाम भूप सिंह गुर्जर था लेकिन 1915 में लाहौर षड्यंत्र मामले में भूप सिंह का नाम आने के बाद उन्होंने अपना नाम बदलकर विजय सिंह पथिक कर लिया था विजय सिंह पथिक का जन्म 27 फरवरी 1882 में गुलावठी जिला बुलंदशहर उत्तर प्रदेश में हुआ था इनके पिता का नाम हमीर सिंह व माता का नाम कमल कुमारी था विजय सिंह पथिक ने 1920 में बिजोलिया किसान आंदोलन की शुरुआत की थी राजस्थान में किसान आंदोलन की लहर चल पड़ी थी जिससे ब्रिटिश सरकार डर गई थी उन्होंने किसानों के 84 में से 35 लागते माफ कर दी थी। महात्मा गाँधी जी ने विजय सिंह पथिक के बारे में अपनी किताब मे कहा था कि विजय सिंह पथिक एक सिपाही की तरह काम करता था उन्होंने जीवन पर्यंत निडर होकर काम किया भारत सरकार ने विजय सिंह पथिक की स्मृति में डाक टिकट भी जारी किया 28 मई 1954 को भारत के प्रमुख स्वतंत्र सेनानी विजय सिंह पथिक चिर निद्रा में सो गए थे। उन्होंने कहा कि पथिक जी के नेतृत्व में चलाए गए बिजोलिया आंदोलन को इतिहासकार देश का पहला सत्याग्रह मानते हैं। उन्होंने विजय सिंह पथिक स्वतंत्रा सेनानी से किसानों और युवाओं को प्रेरणा लेकर उनके पद चिन्हों पर चलने का आह्वान किया। बाद में भाकियू पथिक ने उप्र के माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ जी के नाम सम्बोधित ज्ञापन एसडीएम सुरेंद्र कुमार को सौपा। जिसमे स्वतंत्रता सेनानी वीर विजय सिंह पथिक जी की जयंती 27 फरवरी पर सरकारी अवकाश घोषित किया जाए, वीर विजय सिंह पथिक को भारत रत्न से सम्मानित किया जाए, वीर विजय सिंह पथिक की फोटो सरकारी दफ्तरों में लगाई जाये, वीर विजय सिंह पथिक के नाम पर स्मारक, स्कूल बनवाये जाने की मांग की है। ञापन देने वालो में राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज चौधरी, जोनी मुखिया, धीरेन्द्र चौधरी, बिटटू चौधरी, योगेश सिंह, रणवीर सिंह, सुशील, नीटू चौधरी, मोनित, रजनीश, पिरथी सिंह, शेर सिंह, मदनपाल सिंह, कपिल, रविन्द्र, जसवीर प्रधान, आजाद पहलवान, विशाल, मनोज, नीरज कुमार, राजा सैनी, हिमांशु सैनी, तकी, मोनू विशू, आदि सैकडों किसान मौजूद रहे।