राष्ट्रीय डे॑गु दिवस के अवसर पर, डे॑गु रोग से बचाव को लेकर प्रशिक्षण कार्यक्रम का किया गया आयोजन।

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डे॑गु बिमारी से बचाव के लिए जलजमाव से बचना जरूरी,

बिमारी ‌के लक्षण पता चलते ही डॉक्टर की सलाह ज़रुरी।

जहानाबाद (बिहार) से ब्यूरो चीफ मनोहर सिंह का रिपोर्ट।


जहानाबाद, -जिले के डे॑गु मुक्त बनाने के लिए राष्ट्रीय डे॑गु दिवस के अवसर पर जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यालय में प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सिविल सर्जन डॉ शाहिदा उस्मानी ने किया। वही उन्होंने बताई की टूटे—फूटे बर्तनों, कूलर, एसी, फ्रीज के पानी को निकाल दें. पानी टंकी एवं घर के अंदर एवं अगल—बगल में अन्य जगहों पर पानी का जमाव नहीं होने दें. आसपास की जगहों को साफ—सुथरा रखें. जमे हुए पानी पर मिट्टी डालें. बीमारी के लक्षण होने पर बिना समय नष्ट किये चिकित्सक से संपर्क करें। वही डेंगू का समय से उपचार कराने से मरीज पूर्णत: स्वस्थ्य हो जाता है।
राष्ट्रीय डेंगू दिवस के मौके पर जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ विनोद कुमार सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय डेंगू दिवस को लेकर जिला वेक्टर जनित रोग डीआईओ डॉ प्रमोद कुमार, डीपीएम मोहम्मद खालिद हुसैन सहित वीबीडीसीओ मनीष कुमार तथा दीक्षा कुमारी सहित वीबीडी कंसल्टेंट निशिकान्त, पीरामल से रीतेश कुमार व रविरंजन सहित अन्य स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौजूद रहे.

मादा एडिज मच्छर के काटने से होता है डेंगू:
डीवीबीडीसीओ ने बताया कि डेंगू बीमारी मादा ऐडिज मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर दिन में काटता है, और रिवर एवं साफ पानी में पनपता है। इसिलिए लोगों को टुटे फुटे वर्तनो, ए०सी०, कुलर, पानी की टकी, गमला एवं अगल-बगल अन्य जगहों पर पानी नहीं जमने दें। और आस-पास के जगहों पर साफ सुथरा रखें एय किटनाशक का छिड़काव करायें। यदि डेंगू से बुखार होने की स्थिति में सभी रोगीयों को अस्पताल, में भती होने की आवश्यकता नहीं होती। तेज बुखार में पारासिटामोल एक सुरक्षित दवा है। बुखार के उपचार हेतु एस्त्रीन एवं बुफेन की गोलीयों कदापी इस्तेमाल ना करें। बिमारी के लक्षण होने पर बिना समय गवायें चिकित्सक से संर्पक करें। एम्बुलेस हेतू टॉल फी न० 102 पर डायल करें। ससमय उपचार करने से मरीज पूर्णत स्वस्थ्य है सकते हैं। डेंगू से प्रतिवेदित क्षेत्र में 500 मीटर रेडियस में फॉगिंग कराया जायेगा। और उस जल जमाव वाले क्षेत्र में लार्टीसाइंडल का छिडकाव किया जायेगा, ताकि मच्छर के लार्वा को नष्ट किया जा सके। सभी जिला उस्पताल में निःशुल्क उपचार उपलब्ध है।