मेहसी / प्रतिनिधि।
बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर शादी विवाह में तिलक दहेज जैसी कुप्रथा को जड़ मूल से समाप्त करना चाहते थे। उन्होंने स्वयं आदर्श विवाह रचाई थी और दहेज रूपी कुरुतियों को जड़ से खत्म कर आदर्श विवाह रचाने का आह्वान किया था । उक्त बातें प्रखंड क्षेत्र के बथना ग्राम में बीसीएम के तत्वावधान में आयोजित बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर जयंती समारोह को संबोधित करते हुए समारोह के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय दलित मानवाधिकार अभियान के प्रदेश महासचिव विद्यानंद राम ने कही। उन्होंने कहा कि आज दहेज लेना कानूनन अपराध है । उन्होंने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि जिनके कंधों पर उक्त कानून को लागू करने की जिम्मेवारी दी गई है वे लोग भी उक्त कुरुतियों में आकंठ डूबे हुए हैं । डा. (प्रो.) बिन्दा राम ने बाबा साहब डॉ. अम्बेडकर सिंबल ऑफ नॉलेज और संविधान निर्माता बताते हुए संविधान की प्रस्तावना का पाठ कराया और उसकी महत्ता पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला । विशिष्ट अतिथि मानवाधिकार कार्यकर्ता पारसनाथ अम्बेडकर ने कहा की बाबा साहब अम्बेडकर आजीवन सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध संघर्ष करते रहे । उन्होंने कहा कि बाबा साहब अम्बेडकर समता ,स्वतंत्रता और भाईचारे पर आधारित समाज बना चाहते थे । किंतु आज तक उनका सपना अधूरा है । समारोह की अध्यक्षता मुनी लाल राम एवं संचालन BCM के प्रखंड संयोजक विजय महाराज ने किया । समारोह को अन्य लोगों के अलावा मुख्य रूप से अनु0जा0/ज0जा0कर्मचारी संघ के नेता ओमप्रकाश अम्बेडकर ,BCM नेता गोपाल कुमार ,पूर्व सरपंच रविंद्र राम ,मुखिया महेंद्र राम ,मुखिया शैलेश कुशवाहा , ठाकुर प्रसाद कुशवाहा ,अखिलेश राम ,बिनोद मलिक, उमेश राम, महेश राम,लालबाबू राम ,शिवशंकर कुशवाहा, विकास मित्र राजकुमार राम ,कार्यक्रम के आयोजन मंडल के सदस्य उमेश राम,राकेश कुमार अम्बेडकर, सिकिंद्र राम, नागेंद्र राम ,आकाश कुमार,बलजीत कुमार,बबलू कुमार, रंजीत कुमार आदि ने संबोधित किया।