रिपोर्ट वैभव गुप्ता।
रविवार को कथा वाचक रविंद्राचार्य जी महाराज ने कहा मित्रता श्रीकृष्ण और सुदामा जैसी होनी चाहिए। सच्चा मित्र वही है जो अपने मित्र की परेशानी को समझे और बिना बताए मदद करे। लेकिन आजकल स्वार्थ की मित्रता ही रह गई है। जब तक स्वार्थ सिद्ध नहीं होता तब तक मित्रता बनी रहती है। जब स्वार्थ पूरा हो जाता है तो मित्रता समाप्त हो जाती है। महिलाओं ने कथा वाचक को अंग वस्त्र भेंट कर सम्मानित किया। महिलाओं द्वारा भजन गीतों पर नृत्य प्रस्तुत किया गया। कथा का उद्घाटन भाजपा नेता रमेश पवार घासौती ने किया। इस दौरान श्रीभगवान अग्रवाल, मनोज शर्मा, अंकित शर्मा ,अंकुर मित्तल, पदम सिंह, भीमसेन, मास्टर घनश्याम शर्मा आदि श्रद्धालुओं का सहयोग रहा।