सहारनपुर/उप्र/रामपुर मनिहारानअखिल भारतीय सोइहम महामण्डल के अध्यक्ष स्वामी सत्यानन्द जी महाराज ने कहा कि मनुष्य का मन और तन स्वस्थ होगा तो भजन कीर्तन भी तभी सम्भव है।

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सहारनपुर/उप्र/रामपुर मनिहारान अखिल भारतीय सोइहम महामण्डल के अध्यक्ष स्वामी सत्यानन्द जी महाराज ने कहा कि मनुष्य का मन और तन स्वस्थ होगा तो भजन कीर्तन भी तभी सम्भव है। आज के व्यस्त जीवन में स्वयं को स्वस्थ रखना एक चुनौती है।

रिपोर्ट वैभव गुप्ता।

क्षेत्र के गांव सोना अर्जुनपुर में चल रहे सात दिवसीय अखिल भारतीय विराट संत सम्मेलन के चौथे दिन सोइहम मंडल के पीठाधीश्वर स्वामी सत्यानंद जी महाराज ने श्रोताओं को सावधान करते हुए कहा कि आज की व्यस्त जीवनचर्या में तन और मन स्वस्थ रखना एक प्रकार से चुनौती भरा है। उन्होंने कहा कि मनुष्य के सामने अनेकों प्रकार की समस्याओं, खान पान, रहन सहन, दूषित वातावरण आदि के बदलाव के कारण विषम परिस्थितियां बन गई हैं। इस में तन को स्वस्थ और मन को शांत बनाए रखना बहुत जरूरी है।तभी भजन भी संभव है। अन्य संतों में स्वामी प्रणवानंद, स्वामी ज्ञानानंद महाराज, गोपाला नन्द आदि सन्तों ने श्रोताओं को सेवा करने की प्रेरणा दी। प्रज्ञानंद जी महाराज ने भक्ति के विषय में विस्तार से चर्चा की। नारायणानंद जी आदि ने भी श्रद्धालुओं को बीच बीच में भजन प्रस्तुत कर उपदेश देकर भक्ति सागर में स्नान कराया। इस अवसर पर स्वामी नारायणा नन्द, अरुण स्वरूप जी महाराज ने भी अपने प्रवचनों से वातावरण को धर्ममय बना दिया। अंत में आरती के बाद श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया। इस दौरान महेंद्र सिंह, आनन्द राणा,सतवीर सिंह, ईश्वर सिंह, शीशपाल सिंह आदि का सहयोग रहा।