मोतिहारी / राजन द्विवेदी ।
बिहार के मुसलमानों के मुद्दों और उनके समाधान पर एक अहम कार्यक्रम का आयोजन रविवार को हुआ। कार्यक्रम का विषय था “बिहार के मुसलमानों के मसाइल और उनके हल” रहा । जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में नई दिल्ली मदरसा आधुनिकीकरण के सभापति सह अल्पसंख्यक आरक्षण मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवेज सिद्दीकी ने अपने विचार रखे। इस कार्यक्रम में समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों ने हिस्सा लिया और मुसलमानों के सामाजिक, आर्थिक और धार्मिक मुद्दों पर खुलकर चर्चा की।
मुख्य अतिथि प्रवेज सिद्दीकी ने अपने संबोधन में कहा कि हमें अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि हम संविधान को पढ़ते और समझते हैं, तो हम अपने अधिकारों को सही तरीके से जान सकते हैं और उनका पालन कर सकते हैं। उन्होंने विशेष रूप से संविधान की महत्वपूर्णता को रेखांकित करते हुए यह कहा कि समाज के हर वर्ग को यह समझने की आवश्यकता है कि संविधान उन्हें कौन-कौन से अधिकार प्रदान करता है।
प्रवेज सिद्दीकी ने आगे वक्फ बोर्ड के मुद्दे पर भी बात की और कहा कि मुसलमानों को अपने धार्मिक संस्थानों की सुरक्षा और हिफाजत के लिए एकजुट होना होगा। उन्होंने विशेष रूप से कब्रिस्तानों, मस्जिदों और मदरसों की सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया। “हमें कब्रिस्तान, मदरसा और मस्जिदों की हिफाजत करने के लिए जागरूक होना होगा, ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी इन धार्मिक स्थलों का सही तरीके से इस्तेमाल कर सके,” उन्होंने कहा। इसके साथ ही उन्होंने मुसलमानों से कब्रिस्तान की घेराबंदी करने की जरूरत पर भी प्रकाश डाला।
कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर इक़बाल आलम ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता एजाजुल हक और हाजी महबूब अली ने की। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रवेज सिद्दीकी को सम्मानित करते हुए शॉल ओढ़ाया गया। इस अवसर पर कैफी वारशी, जिला सचिव जनता दल (यू) और अध्यक्ष अल्पसंख्यक आरक्षण मोर्चा, मेहसी ने आयोजकों का धन्यवाद किया और कार्यक्रम की सफलता की कामना की।
कार्यक्रम में सैकड़ों लोग उपस्थित थे, जिनमें अली इमाम कुरैशी, एजाजुल हक कुरैशी, रेजा कुरैशी, हसनैन कुरैशी, इब्राहिम कुरैशी, इरफान कुरैशी, समसुद्दीन खान, कलामुद्दीन खान और अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल थे। इन सभी ने प्रवेज सिद्दीकी की बातों को गंभीरता से लिया और इस कार्यक्रम को मुसलमानों की जागरूकता के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
कार्यक्रम के आयोजकों ने बताया कि इस तरह के कार्यक्रम भविष्य में और भी आयोजित किए जाएंगे ताकि मुसलमानों के मुद्दों पर व्यापक रूप से चर्चा की जा सके और उनके समाधान के लिए ठोस कदम उठाए जा सकें।