सहारनपुर/उप्र /महाराजा रणवीर सिंह जी के कल 19 अगस्त को मनाये जा रहे वाले बलिदान दिवस को लेकर क्षत्रिय अस्तित्व न्याय मोर्चा की बैठक में तैयारियों को लेकर रणनीति बनाई गई।

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रिपोर्ट वैभव गुप्ता।


कस्बे में आयोजित संगठन की बैठक में प्रदेश संयोजक गिरिश रोहिला ने महाराज रणवीर सिंह जी के बलिदान पर प्रकाश डालते हुए बताया कि
निकुम्भ वंश में कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की प्रथम तिथि 25 अक्टूबर 1204 ई को महा पराक्रमी सहारक राजा रणवीर सिंह का जन्म हुआ। जब महाराजा पृथ्वीराज चौहान के अंत के कारण समस्त राजपूत शक्ति क्षीण हो चुकी थी और आक्रांता इस्लामिक सल्तनत कायम करने में जुटे थे और बची हुई राजपूत शक्तियों का दमन कर रहे थे उस समय रामपुर के राजा रणवीर सिंह थे जिन्होंने दिल्ली सल्तनत के विरूद्ध अपनी क्रांतिकारी प्रव्रत्ति को कायम रखा। नसीरुद्दीन महमूद ने राजा रणवीर सिंह के साथ युद्ध की घोषणा की मुगलों व रोहिलों में भीषण युद्ध हुआ रणवीर सिंह की सेना के सामने नसीरुद्दीन की सैना के पैर उखड़ गए बाद में नसीरुद्दीन को बंदी बना लिया गया बाद में नसीरुद्दीन महमूद ने दोबारा ऐसा न करने की शपथ ली और महाराज रणवीर सिंह को हाथी घोड़े व लाखों रुपए देकर अपने प्राण दान मांगे उसे छोड़ दिया गया। इसके बाद नसीरुद्दीन महमूद जो दिल्ली से महाराज रणवीर सिंह पर विजय प्राप्त करने का बीड़ा उठा कर आया था वह फिर से महाराज रणवीर सिंह के खिलाफ षडयंत्र रचने में लग गया। महाराज रणवीर सिंह का एक दरबारी गोकुल राम पांडे था नसीरुद्दीन महमूद ने उसे रामपुर का राजा बनाने का लालच देकर अपने विश्वास में ले लिया जिसने स्वार्थ वश महाराज के किले के भीतर के सारे भेद उजागर करते हुए बताया कि रक्षाबंधन के दिन सारे क्षत्रिय निशस्त्र होकर शिव मंदिर में पूजा अर्चना करते हैं और इस दिन गोकुलराम पाण्डे ने किले का मुख्य द्वार खोल दिया पूजा में व्यस्त सभी क्षत्रियों को दुश्मन की सेना ने चारों ओर से घेर लिया और घमासान युद्ध हुआ जिसमें महाराजा रणवीर सिंह भीतरी गद्दारी के कारण वीरगति को प्राप्त हुए महारानी तारावती महाराज रणवीर सिंह के साथ सती हो गई थी। महाराज रणवीर सिंह के भाई सूरत सिंह असंख स्त्री पुरुषों व बच्चों के साथ किले से अज्ञात वास के लिए चले गए और विभिन्न स्थानों में जाकर बस गए। देश उनका यह बलिदान याद रखेगा। आज भी रोहिलखण्ड की राजधानी रामपुर में आज भी महाराज रणवीर सिंह के किले के खंडहर व सती तारावती का मंदिर और उनका राजमहल उस समय की यादों को ताजा करता है। उन्होंने समाज के लोगों से कल 19 अगस्त को महाराज रणवीर सिंह के बलिदान दिवस को श्रद्धा पूर्वक मनाने की अपील की है।