सहारनपुर/उप्र/रामपुर मनिहारानमशहूर शायर महमूद असर ने कहा कि शायरी सिर्फ़ इश्क़ मोहब्बत ही नहीं बल्कि ज़िंदगी का हर मौज़ू पेश करती है और यही शायरी की मक़बूलियत की वजह है।

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रिपोर्ट वैभव गुप्ता।


नगर के नुमाइंदा शायर तारिक़ रामपुरी के निवास पर अपने साथियों के साथ पहुँचे अंतरराष्ट्रीय शायर महमूद असर का भव्य स्वागत किया गया।महमूद असर को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया गया।महमूद असर ने कहा कि शायरी दिलों को सुकून देने और आपस मे जोड़ पैदा करने वाली कला का नाम है।शायरी सिर्फ़ इश्क़ मुहब्बत ही नहीं बल्कि ज़िंदगी का हर मौज़ू पेश करती है इसी वजह से सदियों से लोग शायरी से मुहब्बत करते आए हैं और करते रहेंगे।महमूद असर ने सुनाया ‘इस तरह से तंज अहसासात पे रक्खा गया, सारे दिन का बोझ जैसे रात पर रखा गया।आज फिर यारो के दिल मे बदगुमानी आ गई, आज फिर क़ुरआन मेरे हाथ पे रक्खा गया।देहरादून से आए अमज़द खान अमज़द ने सुनाया ‘हमने उस वक़्त भी रिश्ते को निभाया अमज़द,लोग जब मारने मरने पे उतर आते हैं।साबिर बेहटवी ने सुनाया ‘हुई हैं इतनी जहाँ ने तबाहियाँ अपनी,पड़ी हैं ग़ैर के क़दमो में पगड़ियां अपनी।मेरे दुखों में बराबर शरीक रहती हैं, मुझे अज़ीज़ हैं बेटों से बेटियां अपनी।तारिक़ रामपुरी ने सुनाया ‘ऐसे माहौल में पागल न कहीं हो जाऊँ,इससे बेहतर कि मैं गोशा नशीं हो जाऊँ।
देहरादून से आए अमज़द अली अमज़द के नए गाने ‘आ मसूरी चलें’ की रिलीज़ पर मुबारकबाद दी गई।
इस दौरान तारिक़ सिद्दीक़ी, ताहिर मलिक,सभासद नफ़ीस सैफ़ी,आस मोहम्मद सैफ़ी,पूर्व सभासद अहसान मलिक,अब्दुल कलाम राय,अमन मलिक आदि मौजूद रहे।