चंपारण की खबर::जिले में नाईट ब्लड सर्वें की हो गई शुरुआत

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बताया इलाज करवाने वाले लोगों में भी मौजूद हो सकता फाइलेरिया के परजीवी


मोतिहारी, राजन द्विवेदी।


फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम अंतर्गत नाईट ब्लड सर्वें कार्यक्रम का शुभारम्भ मोतिहारी के कोहुवरवा, कुआँरी देवी चौक से डीभीबीडीसीओ डॉ शरत चंद्र शर्मा, डीपीएम ठाकुर विश्वमोहन के द्वारा किया गया। मौके पर डॉ शरत चंद्र शर्मा ने बताया की नाईट ब्लड सर्वें की शुरुआत के साथ ही स्वास्थ्य दिखने वाले लोगों में भी मौजूद फाइलेरिया के परजीवी की पहचान की जा सकेगी। उन्होंने बताया की चयनित स्थानों पर प्रत्येक ब्लॉक के रैंडम एवं तथा सेंटीनल साइट से लोगों को जागरूक करते हुए 300-300 स्लाइड प्रशिक्षित एलटी द्वारा लेकर जाँच किया जाता की कहीं स्वास्थ्य दिखने वाले व्यक्ति में भी फाइलेरिया के परजीवी तो नहीं, उनके जाँच के उपरांत फलेरिया रोगी की पहचान हो पाती है। इसके बाद उनको विभाग द्वारा प्राप्त दवाए खिलाई जाती है ताकि शरीर के अंदर मौजूद फाइलेरिया का परजीवी निष्क्रिय हो जाए।
डीभीडीसीओ डॉ शरत चंद्र शर्मा ने कहा की विभिन्न साईट पर रात्रि  8:30 से जाँच की जा रही है। उन्होंने बताया की रात में ही लोगों के खून का सैंपल लेकर फाइलेरिया संक्रमण का पता लगाया जाता है, क्योंकि इसका जीवाणु माइक्रोफाइलेरिया रात में अधिक सक्रिय होता है। उन्होंने बताया कि इसमें 20 साल से अधिक आयु की महिलाओं एव पुरुषों का ही सैंपल लिया जाएगा। सैंपल लेकर रक्त पट्टिका बनाई जाएगी। इसका उद्देश्य फालेरिया रोगी मिलने पर उसका तत्काल इलाज मुहैया कराकर जिले को इस रोग से मुक्त बनाना है। डीपीएम ठाकुर विश्व मोहन ने बताया की फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है जो कभी ठीक नहीं होता इसे समय पर पहचान कर इसके प्रकोप को नियंत्रित किया जा सकता है। यह क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इसके लक्षण है कई दिन तक रुक-रुक कर बुखार आना। शरीर में दर्द एवं लिम्फ नोड (लसिका ग्रंथियों) में सूजन, हाथ, पैरों में सूजन (हाथी पांव) एवं पुरुषों के अंडकोष में सूजन (हाइड्रोसील)वहीं महिलाओं के ब्रेस्ट में सूजन, संक्रमण के बाद शुरुआती दिनों में पैरों में सूजन रहती है और रात में आराम करने पर कम हो जाती है। संक्रमित व्यक्ति में बीमारी के लक्षण पांच से 15 साल तक में दिख सकते हैं।
फाइलेरिया के मच्छर गंदी जगह पर पनपते हैं। इसलिए मच्छरों से बचाव करें।साफ़ सफाई रखकर मच्छर से बचने के लिए फुल कपड़े पहनें।रात में सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें। लोगों को जागरूक करते हुए 10 फ़रवरी से एमडीए कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी जिसमें एलबेण्डाजोल व डीईसी की गोली सभी स्वस्थ एवं योग्य लोगों को स्वास्थ्य कर्मियों के देखरेख में खिलाई जाएगी।
मौके पर भीडीसीओ धर्मेंद्र कुमार, सत्य नारायण उरांव, रविंद्र कुमार, चंद्र भानु सिँह,धीरज कुमार,  एएनएम, आशा व अन्य लोग उपस्थित थे।