
मोतिहारी, दिनेश कुमार।
प्रथम जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुरेंद्र प्रसाद ने पैतालीस वर्ष पूर्व एक भूमि विवाद में भाला मारकर हुई हत्या मामले में दोषी पाते हुए नामजद एक अभियुक्त को आजीवन कारावास एवं पचास हजार रुपए अर्थ दंड की सजा सुनाए। अर्थ दंड की राशि वसूल पाए जाने पर मृतक की विधवा को देय होगी। मृतक की विधवा के नहीं रहने पर उक्त राशि उसके वैधानिक उतराधिकारी को देय होगी। अर्थ दंड नहीं देने पर अभियुक्त के भूमि को नीलम कर वसूल पाई जाएगी। सजा रामगढ़वा थाना के रामगढ़वा मलाही टोला वर्तमान तुरकौलिया थाना के सपही मझरिया निवासी स्व. साठी सहनी के पुत्र श्यामलाल सहनी को हुई। मामले में स्थानीय निवासी भादोलाल चौधरी ने तुरकौलिया थाना कांड संख्या 3(2) 1980 दर्ज कराते हुए श्यामलाल सहनी, मझरिया निवासी झींगन सहनी राजदेव सहनी, भृगुऋषि सहनी को नामजद किया था। जिसमें कहा था कि उसका भाई यादोलाल सहनी 1 नवंबर 1080 की सुबह 8 बजे अपने खेत में हल जोतने गया था। उसी दौरान नामजद लोग हथियार से लैश होकर आए तथा उसके भाई को भाला से मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिए। गंभीर हालात में उसे सदर अस्पताल लाया गया, जहां ईलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। सत्रवाद 1/1984 विचारण के दौरान अभियुक्त झींगन सहनी की मृत्यु हो गई। वहीं फरार होने के स्थिति में अभियुक्त राजदेव सहनी व भृगुऋषि सहनी का वाद पृथक हो गया। वाद विचारण के दौरान अपर लोक अभियोजक ईश्वर चंद दुबे ने ग्यारह गवाहों को न्यायालय में प्रस्तुत कर अभियोजन साक्ष्य रखा। न्यायाधीश ने दोनों पक्षों के दलीलें सुनने के बाद धारा 302 भादवि सहित अन्य धाराओं में दोषी पाते हुए नामजद अभियुक्त को उक्त सजा सुनाए। कारागार में बिताए अवधि का समायोजन सजा की अवधि में होगी।
