हजरत मोहम्मद सारे जगत के लिए रहमत बनकर तशरीफ लाए- अनिसुर रहमान चिश्ती

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केसरिया पूर्वी चंपारण से अशरफ आलम

निहायत हर्षल व उल्लास के साथ मनाई गई हजरत मोहम्मद की जयंती, उनके आदर्शों पर चलने का लिया गया संकल्प


केसरिया, केसरिया टोला, प्रदुमन छपरा मदरसा के तत्वाधान में हजरत मोहम्मद की जयंती के अवसर निहायत अदब व एहतराम और हर्षो उल्लास के साथ जुलूस ए मोहम्मदी का आयोजन किया गया। जिसमें मदरसा के छात्र-छात्राओं समेत हजारों लोगों ने शिरकत किया। जुलूस केसरिया मदरसा से निकलकर मस्जिद मोहल्ला, आदर्श नगर,नया बाजार, देवीगंज, थाना चौक होते हुए मदरसा पर वापस हुआ। और मिलादुन्नबी की महफिल का आयोजन हुआ। जिसकी अध्यक्षता मौलाना नेमतुल्लाह ने किया। इस अवसर पर मौलाना अनिसुर रहमान चिश्ती ने हजरत मोहम्मद की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हजरत मोहम्मद इंसानियत के मसीहा बनकर इस जगत में तशरीफ लाए। पूरी दुनिया को मानवता का पाठ पढ़ाया। अमन व शांति का पैगाम दिया। जिंदा दफन हो रही बेटियों को नई जिंदगी अता किया । विधवाओं, बेसहारों, यतीमो, मजबूरो को समाज में सर उठा कर जीने का सलीका दिया। जुल्म, नफरत आपसी दुश्मनी को खत्म कर समाज में इंसाफ का माहौल पैदा किया। आप सारी दुनिया के लिए रहमत बन कर तशरीफ लाए। इसलिए जरूरी है कि हम हजरत मोहम्मद के पैगाम पर अमल करें और उनके आदर्शों के मुताबिक अपनी जिंदगी गुजारे । इस अवसर पर वसिल अहमद खान ने कहा कि हजरत मोहम्मद ने दुनिया से बुराइयों को खत्म किया। इंसानियत का अदब व एतराम करने का पाठ पढ़ाया। भेदभाव,जात पात, ऊंच नीच का फर्क खत्म किया। सभों को एकता के सूत्र में बांधने का काम किया।
मौलाना सिराजुल हक अशरफी ने कहा कि हजरत मोहम्मद दुनिया में अपने रब का पैगाम और रब की पहचान बनकर आए। समाज में जो बुराइयां थी उसको समाप्त करने की का अंत तक प्रयास किया। इसलिए हम सबको अपने नबी के बताए हुए रास्ते पर जीवन मसाला करने की जरूरत है। मौलाना नाज मोहम्मद कादरी ने कहा कि हजरत मोहम्मद सारी दुनिया के लिए रहमत बनकर आए। छुआछूत, अमीर और गरीब के फर्क को मिटाया और सब को एक साथ जिंदगी गुजारने का तरीका दिया। आप ने हमेशा आशा है बेसहारा लोगों की सहायता की।
कारी अब्दुल गनी ने भी हजरत मोहम्मद की जीवनी पर प्रकाश डाला और आपसी सद्भाव को कायम रखने की अंथक प्रयास करने और मानवता, भारतीय संस्कृति की हिफाजत के लिए मिलजुल कर जिंदगी बसर करने का आदेश दिया।
इस मौके से कारी सिराजुद्दीन सिराजी, हाफिज ओबैद रजा, हाफिज मोहम्मद आलम, मौलाना मोतिउर्रहमान,मोहम्मद सलीम, अशरफ अली, लाल बाबू, अफजल हुसैन, मोहम्मद इदरीश, हाजी मोहम्मद हबीब, मोहम्मद मुश्ताक, रियाज उल हक, नबील अहमद खान, रहीमुद्दीन, मोहम्मद अनवर अली, मोहम्मद जमील, मोहम्मद नसरुद्दीन समेत हजारों लोग मौजूद थे।