
रिपोर्ट वैभव गुप्ता।
जामिया दावतुल हक मुईनिया चर्रोह के प्रबंधक मौलाना शमशीर कासमी ने कहा है कि रोजे का मकसद तकवा परहेज गारी है। तकवा कहते हैं कि इंसान झूठ, चोरी, डकैती, धोखा और तमाम बुराइयों से दूर रहे। अल्लाह और उसके रसूल के बताए हुए सीधे और सच्चाई के रास्ते पर चले। उन्होंने कहा रमजान का महीना जिंदगी में तब्दीली के लिए आता है। रोजे की हालत में जिस तरह हम अपने आप को गुनाह के कामों से बचाते थे, रमजान के बाद भी हम गुनाह के कामों से अपने आप को बचायें, तब समझिए कि आपने रमजान के सिद्धांतों पर अमल किया। मौलाना शमशीर कासमी ने कहा इस्लाम की शिक्षा यह है कि धरती पर जो लोग भी बसते हैं उनका धर्म कुछ भी हो, उनके साथ दया करो। उनके दुख दर्द में काम आओ, अल्लाह ताला आप पर भी रहम करेगा। उन्होंने कहा ईद की खुशी में गरीब, कमजोर, बेसहारा लोगों को भी शामिल करें। ईद पर्व पर उनकी ज्यादा से ज्यादा मदद करें, ताकि गरीब लोग भी ईद मना सकें।