रिपोर्ट वैभव गुप्ता।
शुक्रवार को देवबंद रोड़ स्थित श्री बालाजी धाम मंदिर के प्रांगण में श्रीमद् भागवत कथा के दौरान कथा वाचक रविंद्राचार्य जी महाराज ने कहा भगवान गिरिराज पर्वत को उठाते हुए सुंदर झांकी सजाई गई। इस दौरान भजनों पर श्रद्धालु देर तक नाचते रहे। उन्होंने प्रसंग में बताया गया कि इंद्र को अपनी सत्ता और शक्ति पर घमंड हो गया था। उसका गर्व दूर करने के लिए भगवान ने ब्रज मंडल में इंद्र की पूजा बंद कर गोवर्धन की पूजा शुरू करायी जिससे गुस्साए इंद्र ने ब्रज मंडल पर भारी बरसात कराई। प्रलय से लोगों को बचाने के लिए भगवान ने कनिष्ठा उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठा लिया। सात दिनों के बाद इंद्र को अपनी भूल का एहसास हुआ। इस मौके पर गोवर्धन लीला की झांकी भी सजाई गई। कथा के दौरान गोवर्धन पूजन का उत्सव उल्लास के साथ मनाया गया। कथा का उद्घाटन महिला मंडल की संतोष शर्मा, वंदना कर्णवाल आदि ने किया। इस दौरान श्री भगवान अग्रवाल, मनोज्ञ शर्मा, दिनेश सैनी, भीमसेन, अंकुर मित्तल, पंडित अंकित शर्मा, आदि श्रद्धालु का सहयोग रहा।