घर के ऊपर से गुजर गया ग्यारह हजार विधुत तार, मकान का ढलाई बाधित

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  • वर्ष 2009 से फुस के झोपड़ी में कट रही जिंदगी
  • बिना स्थल जांच के जांचकर्ता ने लोक शिकायत निवारण को सौप
    दी रिपोर्ट संग्रामपुर ।

एक तरफ सरकार ग्रामीण इलाकों में आवास निर्माण के लिए तरह तरह की योजनाएं चला रही हैं ताकि लोगो को पक्का मकान मिले लेकिन दूसरी तरफ़ विधुत विभाग द्वारा नव निर्मित मकान से गुजरे ग्यारह हजार वोल्ट के विधुत तार को हटाने को लेकर गृह स्वामी को मशक्कत करना पड़ रहा हैं और विधुत विभाग के अधिकारी कोई संज्ञान नहीं ले रहा हैं। इसका उदाहरण प्रखंड के बरियरिया टोला राजपुर पंचायत के भंगिया टोला वार्ड-7 निवासी रुबिला देवी पति भोला सहनी लगभग वर्ष 2009 से रही हैं लेकिन नतीजा शून्य दिख रहा है। उसने पिछले वर्ष 23 सितंबर 24 को मोतिहारी जा कर विधुत विभाग के अधीक्षण अभियंता को भी आवेंदन सौंपा। लेकिन करवाई नहीं होते देख कर थक हार कर उसने इस मामले को लोक शिकायत निवारण केंद्र अरेराज गयी और आवेंदन में बताया कि उसके गांव में वर्ष 2009 में विधुतीकरण हुआ उस समय उसके घर का नींव पड़ा था।जब विभागीय संवेदक ने वहां से ग्यारह हजार वोल्ट का तार गुजारने लगा तो उसके द्वारा विरोध जताया गया जिसको लेकर लगभग तीन दिनों तक विधुतीकरण कार्य ठप्प रहा।के बाद संवेदक और उसके बीच हुई वार्ता में विधुत जेई और एसडीओ ने मौखिक रूप से आश्वासन दिया कि जब आपका घर बनेगा घर पर से गुजरने वाली तार को हटवा दिया जाएगा लेकिन वह वादा कोरा आश्वासन साबित हुआ। इधर निर्माणाधीन घर के ढलाई का समय आया तो उसके द्वारा संग्रामपुर के विधुत कनीय अभियंता व विधुत एसडीओ को आवेंदन दिया जब अपने बेटे रूपेश कुमार्के साथ कनीय अभियंता से मिली तो डांट फटकार कर भगा दिया गया। रुबिला ने बताया कि लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के द्वारा विधुत विभाग को जांच कर करवाई करने का निर्देश दिया गया लेकिन विभाग ने बिना स्थलीय जांच के न्यायलय को रिपोर्ट सौंप दिया और उसका केस बंद हो गया। अब सवाल उठता हैं कि विधुत विभाग के नियमावली के मुताबिक ग्यारह हजार वोल्ट का विधुत तार ग्रामीण इलाकों से होकर नहीं गुजारनी हैं फिर विधुत विभाग के किस पदाधिकारी के आदेश से ऐसा हुआ जो सूक्ष्म जांच का विषय हैं। पीड़िता का कहना हैं कि गांव के कुछ लोगो के प्रभाव में आकर जेई मेरे घर के ऊपर से गुजरे तार को नहीं हटवाना चाहते हैं।साथ ही घर की ढलाई नहीं होने से उनके बच्चे फुस की झोपड़ी में रहने के साथ उनके बेटे और बेटी की शादी बाधित हैं। उसने कहा कि एक सप्ताह के अंदर विधुत विभाग जांच कर करवाई नहीं करेगा तो उसका पूरा परिवार न्याय के लिए विधुत विभाग के कार्यालय पर आमरण अनशन पर बैठेगा।